Sunday , November 24 2024
Breaking News

ज्योतिषीय गणना के अनुसार कोंन बन सकता है पुलिस या सेना का अधिकारी

यदि कोई व्यक्ति पुलिस की नौकरी चाहता हैं तो उसके लिए कुंडली में 3,6,10 वाँ भाव अवस्स देखना चाहिए क्योकि तीसरा भाव साहस, पराक्रम व वीरता का भाव हैं, छटमा भाव संघर्ष व शत्रू से विजय का भाव हैं और दशम कर्म का भाव हैं, इसी के साथ मंगल, सूर्य, राहु तथा शनि आदि क्रूर ग्रहों की स्थिति तथा इनका इन भावों से उनका संबंध देखना भी आवशयक होता हैं ।

पुलिस विभाग की नौकरी के लिए कुंडली में तृतीयेश छटे भाव में होना या छटे भाव का क्रूर ग्रहों से सम्बन्ध बनना जरुरी होता हैं । अगर षष्टेश की अपने ही भाव पर दृष्टि सम्बन्ध बने या मंगल का दशम भाव या दशमेश से किसी भी प्रकार का सम्बन्ध हो या दशम भाव में शनि और मंगल की युति या दृष्टि सम्बन्ध हो तो पुलिस में जाने की संभावना प्रवल होती है ।

 किसी व्यक्ति की कुंडली में तृतीय भाव पर क्रूर गृह की दृष्टि या युति सम्बन्ध हो या तृतीय भाव के स्वामी का दशम भाव पर दृष्टि या युति सम्बन्ध होना चाहिए । इसी प्रकार दशमेश की मंगल से युति या परस्पर दृष्टि सम्बन्ध होना चाहिए । छटे भाव का किसी भी प्रकार का दशम भाव से सम्बन्ध स्थापित हो या छटे भाव में क्रूर ग्रहों की युति हो तो भी पुलिस में नौकरी का योग बनता हैं ।

किसी की कुंडली में ग्यारहवे भाव का मंगल से या छटे भाव से सम्बन्ध हो तो पुलिस बनने का योग बनता हैं । यदि किसी कुंडली में तृतीय भाव का स्वामी तृतीय भाव में स्थित हो या तृतीयेश लग्न में हो तो भी ऐसा योग बनता हैं ।
        
मंगल का बली होना भी साहस का कारक माना गया है। स्वराशि का मंगल, कुंडली के प्रथम या दशम भाव में मंगल की स्थिति या मंगल  द्वारा दशमेश का नियंत्रण हो तो जातक पुलिस अधिकारी या सेना में होता है।

सेना या पुलिस में जाने के प्रमुख योग……..

 

  1.   तृतीय भाव में क्रूरग्रह की दृष्टि या युति हो तथा तृतीयेश की दशम भाव पर दृष्टि या युति हो।
  2.    षष्ठम भाव में क्रूर ग्रहों की दृष्टि या युति हो या षष्ठ का दशम भाव से सम्बन्ध बना हुआ हो।
  3. एकादश भाव का सम्बन्ध षष्ठम भाव या मंगल से हो।
  4.  दशमेश से मंगल की युति हो या दृष्टि संबंध हो।
  5. तृतीयेश लग्न में हो, या तृतीयेश स्वराशिस्थ तृतीय भाव में हो या तृतीय भाव पर दृष्टि डाले।
  6.  तृतीयेश छठे भाव में हो या षष्ठेश से संबंध बनाऐ।
  7.  सप्तमेश और चतुर्थेशतृतीय भाव में स्थित हो या चतुर्थेश तृतीय भाव में स्थित हो।
  8.   छठे भाव का क्रूर ग्रहों व गुरु से सम्बन्ध हो।
  9. दशम भाव से मंगल व शनि का परस्पर सम्बन्ध हो।
  10.  षष्ठेश की छठे भाव पर दृष्टि हो या मंगल का दशमेश या दशम भाव से दृष्टि या युति सम्बन्ध बने।

इन विभिन्न योगों से समझ आता है कि इनमें त्रिषडाय, त्रिषडायेश, क्रूर ग्रहों, दशम भाव, पहला भाव, चतुर्थ भाव और इन भावों के भावपती मुख्य भूमिका अदा करते हैं।। अतः पुलिस अथवा सेना की नौकरी हेतु इन योगों में से ऐकाधिक संयोग यदि जातक की कुण्डली में पाए जाते हैं तो अवस्य फोर्स की नौकरियां करता है । परंतु उचित समय पर इन योगकारक ग्रहों की दशा, अन्तर्दशा  या सही गोचर में आना भी अति आवश्यक है।

यदि कोई फोर्स या पुलिस की तैयारी कर रहा है तो किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श लेकर दिशा निर्धारण कर सकता है।।
       -:शक्ती-उपासक:-
  पंडित- कृपाराम उपाध्याय
   (ज्योतिर्विद, तंत्रज्ञ एवं तत्ववेक्ता)
            भोपाल म.प्र.
जय भैरवी जय भैरवी जय भैरवी

About rishi pandit

Check Also

फिजिकली फिट होने के साथ ही मेंटली फिट होना बहुत जरूरी

रिश्ते को बेहतर तरीके से चलाने के लिए कपल्स के बीच में सही तालमेल होना …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *