Monday , May 20 2024
Breaking News

बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री को बदला, कई राज्यों में भी चुनाव से पहले बदल चुकी है मुख्यमंत्री

नई दिल्ली
बीजेपी के वरिष्ठ नेता मनोहर लाल खट्टर के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद मंगलवार दोपहर हरियाणा को नया सीएम मिल गया। पार्टी ने नायब सिंह सैनी को प्रदेश नया मुख्यमंत्री बनाया है। वे आज ही शाम को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री को बदला है। हालांकि, पिछले कुछ सालों में ऐसा कई राज्यों में देखने को मिला है कि बीजेपी नेतृत्व ने विधानसभा चुनाव से पहले सीएम को बदलकर किसी नए चेहरे को जगह दी हो। हरियाणा से पहले गुजरात और उत्तराखंड में भी बीजेपी ने अपने मुख्यमंत्री को बदल दिया था। इसके बाद हुए चुनाव में पार्टी को फायदा भी मिला और फिर से दोनों राज्यों में सरकार भी बनाई।

हरियाणा की ही तरह गुजरात में भी बदल दिए गए थे सीएम
गुजरात में साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव से 15 महीने पहले बीजेपी नेतृत्व ने अचानक तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को बतौर सीएम बदल दिया था। 11 सितंबर, 2021 को विजय रूपाणी ने राज्यपाल से मुलाकात करते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। रूपाणी के बाद भूपेंद्र पटेल को गुजरात का नया मुख्यमंत्री बनाया गया और फिर 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बंपर जीत मिली। विजय रूपाणी को पद से हटाए जाने की कोई आधिकारिक वजह नहीं बताई गई, लेकिन अटकलें लगीं कि कोविड-19 की दूसरी वेव के दौरान, जिस तरह गुजरात से लोगों के मरने की खबरें सामने आईं, उससे लोगों में बीजेपी सरकार और खासतौर पर विजय रूपाणी के खिलाफ काफी नाराजगी थी। इसके अलावा, सूत्रों ने यह भी दावा किया था कि गुजरात के कई बीजेपी विधायक भी खुश नहीं थे और प्रशासनिक अधिकारियों को लेकर कई शिकायतें भी कर चुके थे। ऐसे में 2021 में चुनाव से कुछ महीने पहले ही विजय रूपाणी को सीएम पद से हटा दिया गया।

उत्तराखंड में भी चुनाव से पहले बदले गए थे मुख्यमंत्री
गुजरात के अलावा, उत्तराखंड में भी बीजेपी ने अपने मुख्यमंत्री को चुनाव से पहले बदल दिया था। जुलाई, 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। वे महज चार महीने ही पद पर रह पाए थे। अगले साल 2022 में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव हुए, जिसमें पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में पार्टी ने 47 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए दोबारा सरकार बनाई थी। हालांकि, इस्तीफा देते हुए तीरथ सिंह रावत ने कोरोना की वजह से उपचुनाव नहीं होने को वजह बताया था। उन्होंने एक संक्षिप्त बयान में कहा था, "संवैधानिक संकट को देखते हुए, मुझे लगा कि इस्तीफा देना सही है। कोविड​​-19 के कारण उपचुनाव नहीं हो सके।"

सिर्फ चार महीने ही सीएम रह सके थे तीरथ सिंह रावत
रावत चार महीने तक ही पद पर रह सके थे। उस समय वह पौड़ी से सांसद थे और मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए उन्हें 10 सितंबर तक विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी था, लेकिन कोरोना वायरस और कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने की वजह से उप-चुनाव करवाया जाना मुश्किल माना जा रहा था। इसके अलावा, तीरथ सिंह रावत ने जींस पहनने को भी लेकर विवादित बयान दिया था, जिससे काफी बवाल हुआ। इसके बाद कई अन्य घोषणाओं के चलते जनता में कथित तौर पर तीरथ के खिलाफ नाराजगी की बातें कही जा रही थीं। ऐसे में पार्टी नेतृत्व ने भी तीरथ की जगह तब खटीमा से विधायक रहे पुष्कर सिंह धामी को राज्य की कमान सौंपी थी। बीजेपी को इसका फायदा भी मिला और 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में पार्टी ने एक बार फिर से बहुमत हासिल करते हुए राज्य में सरकार बनाई।

 

About rishi pandit

Check Also

प्रदेश में लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद 8 सीटों पर होगा उपचुनाव!जानें सियासी समीकरण

भोपाल लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद मध्य प्रदेश की आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *