भोपाल
लोकसभा चुनाव को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो गई है। चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग कभी भी आदर्श आचार संहिता का ऐलान कर सकता है। ऐसे में मध्य प्रदेश में भी राजनीति गरमा गई है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपने-अपने प्रत्याशियों और चुनावी रणनीति को लेकर लगातार बैठक कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा निकाली जा रही भारत जोड़ो न्याय यात्रा का मध्य प्रदेश में समापन हो चुका है, लेकिन कांग्रेस आज तक एक भी प्रत्याशी का ऐलान नहीं कर पाई है। इससे उलट भारतीय जनता पार्टी ने पिछले दिनों ही 29 में से 24 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। हद तो इस बात की हो गई है कि प्रदेश की सभी 29 सीटों में से पैनल बनाने के लिए कांग्रेस के पास एक से ज्यादा नाम भी नहीं है। अधिकांश संसदीय क्षेत्र में से कांग्रेस पार्टी ने एक-एक नाम का ही पैनल बनाया है।
आज देश की राजधानी नई दिल्ली में कांग्रेस के सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक होनी है। बैठक में स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष रजनी पाटिल के साथ ही मध्य प्रदेश के प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और CEC मेंबर ओंकार सिंह मरकाम शामिल होने वाले हैं। इस बैठक में मध्य प्रदेश की कई सीटों में प्रत्याशियों के नाम पर चर्चा हो सकती है। संभावना जताई जा रही है कि पार्टी पहली सूची में 15 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर सकती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा द्वारा सूची जारी करने के बाद कांग्रेस इस समय जबरदस्त दबाव में है। पार्टी को चुनाव लड़ने के लिए अच्छे कैंडिडेट नहीं मिल पा रहे हैं। इसलिए पैनल में एक-एक नाम ही रखे गए हैं।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष नवंबर माह में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा ने अपनी प्रत्याशियों की सूची कांग्रेस से पहले जारी कर दी थी। अब लोकसभा चुनाव में भी यही स्थिति देखी जा रही है। वर्तमान लोकसभा की बात की जाए तो मध्य प्रदेश की कुल 29 लोकसभा सीटों में से भाजपा के पास 28 सीटें हैं, जबकि कांग्रेस के पास एक सीट है। छिंदवाड़ा से नकुल नाथ कांग्रेस सांसद हैं।