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संघ को समझने के लिए दिल चाहिए : दत्तात्रेय होसबाले

संघ को समझने के लिए दिल चाहिए : दत्तात्रेय होसबाले

असम ने नाबार्ड से 4546.74 करोड़ रुपये का ऋण लिया

समस्तीपुर में नमामि गंगा कार्यक्रम के क्रियान्वयन संबंधी मुद्दे को देखे एनएमसीजी: हरित अधिकरण

नई दिल्ली
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा है कि संघ को सिर्फ दिमाग लगा कर नहीं समझा जा सकता है बल्कि इसके लिए दिल भी होना चाहिये।
दत्तात्रेय होसबाले ने संघ के संस्थापक और प्रथम सरसंघचालक डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार की जीवनी – 'मैन ऑफ द मिलेनिया: डाॅ. हेडगेवार' के विमोचन के अवसर पर  को आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि संघ की आधारशिला रखने वाले डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार जी एक समग्र राष्ट्रीय सोच वाले व्यक्ति थे। राष्ट्रभक्ति की भावना उनके अंदर जन्मजात थी। राष्ट्र के लिए उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। आज की पीढ़ी उनकी देशभक्ति और राष्ट्रीय विचारों से प्रेरणा लेती है।

इस कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के राज्यपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) एस अब्दुल नजीर मुख्य अतिथि थे। सुरुचि प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक के मूल मराठी लेखक नाना पालकर थे जिसका अंग्रेजी में अनुवाद स्वर्गीय डॉक्टर अनिल नैने ने किया है।
सरकार्यवाह ने कहा कि डॉक्टर साहब ने जिस विचारधारा से संघ खड़ा किया आज दुनिया के अनेक संस्थान उसका अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "संघ को समझने के लिए संघ को दूर से नहीं बल्कि नजदीक से देखिए, समझ में आए तो रहो वरना चले जाओ। संघ को समझने के लिए व्यक्ति को दिमाग के साथ दिल की भी जरूरत पड़ती है क्योंकि इसके कार्यकर्ता राष्ट्र सर्वोपरि की भावना के साथ कार्य करते हैं।"

होसबाले ने कहा कि यह पुस्तक डॉक्टर साहब के संपूर्ण जीवन और उनकी कार्यशैली को समझने के लिए बहुत मह्तवपूर्ण साबित होगी। उन्होंने कहा कि डॉक्टर साहब ने संघ में 'मैं' नहीं 'हम' की परंपरा का विकास किया और एक ऐसी टीम खड़ी की जिसकी पहली प्राथमिकता और कार्यशैली में समाज उत्थान, राष्ट्रीय स्वाभिमान और व्यक्ति निर्माण शामिल था। डॉक्टर साहब ने संघ की स्थापना के उपरांत कहा कि यदि मेरे अंदर कोई दोष दिखाई दे तो मेरे स्थान पर अन्य व्यक्ति का चुनाव आप कर सकते हैं। मैं उनके साथ भी इसी राष्ट्रीय भावना के साथ काम करूंगा।
होसबाले ने कहा कि डॉक्टर हेडगेवार सयंमी, धैर्यवान, समर्पित, संवेदनशील और समाज के मनोविज्ञान को समझने वाले व्यक्तित्व के धनी थे। मुख्य अतिथि आंध्र प्रदेश के राज्यपाल न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर ने कहा कि डॉ. हेडगेवार ने जिस संगठन की नींव रखी थी आज सारी दुनिया उसके कामों से प्ररेणा ले रही है।

असम ने नाबार्ड से 4546.74 करोड़ रुपये का ऋण लिया

गुवाहाटी
 असम राज्य मंत्रिमंडल ने प्रदेश में आंगनवाड़ी केंद्रों और तटबंधों के निर्माण के लिए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से 4546.74 करोड़ रुपये रिण लिया है।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में दिसपुर में मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
कैबिनेट मंत्री केशब महंत ने यहां संवादाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में असम में निवेश के लिए आगे आने वाली चार कंपनियों के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
उन्होंने कहा कि यह कंपनी कुल 1, 612 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और 4, 125 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार देगी। उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने व्यावसायिक आधार पर मुर्गी पालन करने की नीति को मंजूरी दे दी है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार पांच करोड़ रुपये की पूंजीगत सब्सिडी और कुल दस करोड़ रुपये की सब्सिडी देगी। महंत ने बताया कि मंत्रिमंडल ने जोरहाट में ए.टी. रोड पर 164.87 करोड़ की लागत से तीन लेन एलिवेटेड कॉरिडोर (फ्लाईओवर) के निर्माण को मंजूरी दी है।

समस्तीपुर में नमामि गंगा कार्यक्रम के क्रियान्वयन संबंधी मुद्दे को देखे एनएमसीजी: हरित अधिकरण

नई दिल्ली
 राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक को बिहार के समस्तीपुर जिले में नदी के किनारे कुछ गांवों को नमामि गंगे कार्यक्रम में शामिल नहीं किए जाने के मामले को देखने को कहा।

एनजीटी एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें दावा किया गया था कि जिले में इस कार्यक्रम के तहत कोई काम नहीं किया गया है।

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) एक एकीकृत संरक्षण मिशन है जिसकी शुरुआत प्रदूषण को समाप्त करने और राष्ट्रीय नदी को स्वच्छ करके इसे नया जीवन देने के लक्ष्य के साथ की गई है। केन्द्र सरकार ने 2014 में इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी।

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने पिछले महीने पारित एक आदेश में कहा, ''हमारी राय है कि शिकायतकर्ता की शिकायत पर एनएमसीजी के महानिदेशक को तत्काल ध्यान देना चाहिए।''

 

 

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