MP News:digi desk/BHN/ लोकायुक्त के छापे में आय से अधिक संपत्ति के मामले में घिरे जिला खनिज अधिकारी प्रदीप खन्ना को सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी। खनिज साधन विभाग ने 20 साल की सेवा और 50 साल की आयु के आधार पर खन्ना के सेवा अभिलेख का परीक्षण करने के बाद यह निर्णय लिया है। राज्य लोक सेवा आयोग ने भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने के प्रस्ताव पर सहमति दी थी।
खनिज विभाग के अधिकारियों ने बताया कि लोकायुक्त ने प्रदीप खन्ना के इंदौर और भोपाल स्थित आवास पर सितंबर 2020 में छापे की कार्रवाई की थी। इसमें करोड़ों रुपये की संपत्ति के दस्तावेज मिले थे। लोकायुक्त के प्रतिवेदन के आधार पर विभाग ने छानबीन समिति में खन्ना के प्रकरण पर विचार किया गया था। सेवा अभिलेख का परीक्षण करने के बाद राज्य लोक सेवा आयोग को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने संबंधी प्रस्ताव अभिमत के लिए भेजा था।
उल्लेखनीय है कि खन्ना को विदिशा, भोपाल और इंदौर में पदस्थापना के दौरान खन्ना को पहले निलंबित किया जा चुका है। सीहोर में पदस्थापना के दौरान लोकायुक्त जांच के आधार पर उनकी वेतन वृद्धि रोकी गई थी। शासन ने उनका तबादला श्योपुर किया था लेकिन उन्होंने वहां पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया था।
कलेक्टर ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए विभाग को प्रस्ताव दिया था कि खन्ना की जगह किसी अन्य अधिकारी की पदस्थापना श्योपुर में की जाए। खनिज विभाग के सचिव सुखबीर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुमोदन के बाद खन्ना को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।