Sunday , November 24 2024
Breaking News

नौकरी का झांसा देकर भेजे गए थे मॉस्को, रूस-यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना में फंसे 20 भारतीयों को निकालने का प्रयास जारी

रूस
सरकार ने आज कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना में सहायक के रूप में काम करने के लिए उद्देश्य से गये हुए 20 भारतीय नागरिकों से दूतावास से उन्हें रूसी सेना की सेवा से बाहर निकालने एवं स्वदेश वापसी का अनुरोध किया है जिस पर भारतीय दूतावास रूसी सरकार से संपर्क में है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने नियमित ब्रीफिंग में इस बारे में पूछे गये सवालों के जवाब में कहा, ‘‘हमें पता है कि लगभग 20 लोग फंसे हुए हैं। हम उन्हें जल्द से जल्द निकालने के लिए अपने स्तर पर पूरी कोशिश कर रहे हैं। हमने दो बयान जारी किए हैं जो आपने देखे हैं। हमने लोगों से यह भी कहा है कि वे युद्ध क्षेत्र में नहीं जाये और ऐसी कठिन स्थितियों फंस न जाएं। हम यहाँ नई दिल्ली और मास्को दोनों जगह रूसी अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में हैं।''

रूस में फंसे भारतीयों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह हमारी समझ है कि वहां 20 लोग हैं जो रूसी सेना के साथ सहायक स्टाफ या सहायक के रूप में काम करने के लिए वहां गए हैं। ये वे लोग हैं जिन्होंने हमसे संपर्क किया है, और हमारी समझ है कि हमारे पास यह वह संख्या है जो इस समय वहां हैं।''

जायसवाल ने कहा कि ये लोग मास्को स्थित भारतीय दूतावास तथा भारतीय दूतावास, रूसी सरकार के संपर्क में है और उन भारतीय नागरिकों को रूसी सेना से बाहर निकालने के लिए बातचीत कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि ये भारतीय रूस के अलग अलग स्थानों पर स्थित हैं।  रूस-यूक्रेन युद्ध में भारतीय हथियारों की आपूर्ति एवं बर्लिन में होने वाली बैठक संबंधी रिपोटरं पर स्पष्टीकरण पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमारी स्थिति सर्वविदित है। हमने विभिन्न स्तरों पर, शीर्ष स्तर पर यह कहा है कि भारत चाहता है कि इस युद्ध को रुकवाने लेकर चर्चा हो, कूटनीति हो, निरंतर संपर्क बना रहे ताकि दोनों पक्ष एक साथ आ सकें और शांति के लिए समाधान ढूंढ सकें। हमारी यही स्थिति अभी भी कायम है।''

ब्रिटिश नागरिक प्रोफेसर निताशा कौल लंदन के वेस्टमिन्स्टर विश्वविद्यालय की एक शिक्षिका है जिन्हें कर्नाटक सरकार ने एक कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया था लेकिन उन्हें बेंगलुरु हवाईअड्डे पर आव्रजन अधिकारियों ने प्रवेश से रोक दिया था और निर्वासित कर दिया था, इस बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में श्री जायसवाल ने कहा, ‘‘एक ब्रिटिश नागरिक 22 फरवरी को भारत आयीं थीं। जैसा कि आप जानते हैं कि हमारे देश में विदेशी नागरिकों का प्रवेश एक ‘संप्रभु निर्णय' होता है।''

मालदीव में भारतीय हेलीकॉप्टर के संचालन के लिए सैन्य तकनीशियनों के स्थान के लेने के लिए एक असैन्य दल के जाने के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा कि मालदीव के गन में उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर को संचालित करने के लिए तकनीकी कर्मियों की पहली टीम मालदीव पहुंच गई है। यह उन मौजूदा कर्मियों की जगह लेगी जो अब तक इस प्लेटफॉर्म का संचालन कर रहे थे।

About rishi pandit

Check Also

अमेरिका पर रोजाना ₹5,31,94,85,78,490 बढ़ रहा कर्ज, हर आदमी पर कितना बोझ?

नई दिल्ली. डॉनल्ड ट्रंप के दूसरी बार अमेरिका का राष्ट्रपति बनने से पहले ही देश …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *