Madhya pradesh indore indore district court daughter in law has no interest in taking care of elderly in laws she will have to vacate the house: digi desk/BHN/इंदौर/ बहू को अगर वृद्व सास-ससुर की देखभाल करने से कोई सरोकार नहीं है और वह पर्याप्त आय अर्जित करती है, अपने निवास की व्यवस्था करने में सक्षम है तो उसे सास-ससुर का मकान खाली करना होगा।
जिला न्यायालय ने यह फैसला सेवानिवृत्त प्रोफेसर के मामले में सुनाया है। एडवोकेट अमरसिंह राठौर ने बताया कि सेवानिवृत्त प्रोफेसर महादेव प्रसाद यादव की उम्र 80 वर्ष है। वे और उनकी पत्नी स्कीम 78 स्थित मकान की ऊपरी मंजिल पर रहते हैं। मकान के नीचे वाले भाग में उनके बेटा-बहू रहते हैं। हालांकि बेटा बहू से विवाद के चलते मुंबई शिफ्ट हो गया। बाद में बेटा-बहू के बीच तलाक भी हो गया बावजूद इसके बहू ने मकान खाली नहीं किया। इस पर यादव ने न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया।
बहू को निवास की अनुमति देना सही नहीं
प्रकरण में न्यायालय ने पाया कि महादेव प्रसाद व उनकी पत्नी की वृद्धावस्था एवं बीमारियों की परिस्थितियों में बहू का उनकी देखभाल करने एवं उनकी सेवा करने से कोई सरोकार नहीं है। ऐसी स्थिति में यादव की इच्छा के विपरीत उनके मकान में बहू को निवास की अनुमति देना सही नहीं है। एडवोकेट राठौर ने बताया कि कुटुम्ब न्यायालय ने बहू के व्यवहार को क्रूरता मानते हुए तलाक का आवेदन स्वीकारा था।