- बीमा लेते वक्त उन्होंने हाइपरटेंशन और कोरोनरी आर्टरी की बीमारी को छुपा लिया था
- इस कारण बीमा कंपनी ने उपभोक्ता के क्लेम को निरस्त कर दिया था
- भोपाल जिला उपभोक्ता आयोग ने बीमा कंपनी के तर्क को खारिज कर दिया
Madhya pradesh bhopal mp news after death of consumer insurance company did not pay claim now a compensation of 23 lakh rupee will have to be paid: digi desk/BHN/भोपाल/ बैंक लोन का बीमा कराने के बाद भी उपभोक्ता की मृत्यु के बाद उस राशि को नहीं लौटाना सेवा में कमी माना जाएगा। उपभोक्ता फोरम ने उपभोक्ता के पक्ष में यह निर्णय सुनाते हुए बीमा कंपनी को ऋण ली गई 23 लाख रुपए की राशि और 15 हजार रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति राशि देने के आदेश दिए।
भोपाल के खजूरीकलां निवासी नेहा बाथम के मुताबिक, उनके पिता मुन्ना लाल ने एसबीआइ से 23 लाख रुपये का ऋण लिया था। उसका बीमा भी कराया और सवा लाख रुपये का प्रीमियम जमा भी किया, लेकिन जब उनकी मृत्यु हो गई तो कंपनी ने बीमा की राशि देने से इन्कार कर दिया। इस पर नेहा ने मुंबई की एसबीआइ इंश्योरेंस कंपनी और भोपाल एसबीआइ के शाखा प्रबंधक को प्रतिवादी बनाते हुए पिछले साल उपभोक्ता फोरम में याचिका दायर की।
सुनवाई में बीमा कंपनी ने आयोग के सामने तर्क रखा कि उपभोक्ता के पिता का मेडिकल परीक्षण नहीं कराया गया था। बीमा लेते वक्त उन्होंने हाइपरटेंशन और कोरोनरी आर्टरी की बीमारी को छुपा लिया था। इस कारण उपभोक्ता के क्लेम को निरस्त किया गया।
उपभोक्ता का मृत्यु कोरोनाकाल में हुई थी। इस कारण यह नहीं दर्शाया जा सका कि उपभोक्ता की मृत्यु हृदय गति रुकने से हुई है। आयोग ने बीमा कंपनी के तर्क को खारिज कर दिया। जिला उपभोक्ता आयोग की अध्यक्ष गिरीबाला सिंह और सदस्य अरुण प्रताप सिंह की बेंच ने उपभोक्ता के पक्ष में फैसला सुनाया।