kisan andolan:digi desk/BHN/ तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों और सरकार की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। मंगलवार को हुई अहम सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने भले ही अगले आदेश तक तीनों कानूनों को लागू किए जाने पर रोक लगा दी हो, लेकिन यह सवाल अभी भी बना हुआ है कि क्या किसान 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड का बाधा पहुंचाएंगे और ट्रैक्टर रैली करेंगे? मंगलवार को भी यह मामला जजों के सामने उठा। तब पीठ ने किसान संगठनों को नोटिस जारी किया और अगली सुनवाई के लिए सोमवार की तारीख तय की। मंगलवार की सुनवाई के दौरान उस समय अजीब स्थिति बन गई जब सोमवार को किसान संगठनों की पैरवी करने वाले तीन बड़े वकील नजर नहीं आए। इन्हीं में से एक वकील थे दुष्यंत दवे। दुष्यंत दवे ने सोमवार को कहा था कि किसान 26 जनवरी की गणतंत्र दिवस परेड में बाधा नहीं पहुंचाएंगे, लेकिन ये मंगलवार को सुनवाई से गायब रहे। इसके बाद आशंका जताई जा रही है कि क्या किसान अभी भी ट्रैक्टर रैली पर अड़े हैं?
ये वकील आज सुनवाई में नहीं आए
सोमवार को सुनवाई में 400 किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हुए दुष्यंत दवे, एचएस फूलका, कॉलिन गोंसाल्वेस, आज एससी पेश हुए थे। ये आज सुनवाई में नहीं आए। इन वकीलों के गायब होने पर सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि कुछ लोग समाधान नहीं निकालना चाहते हैं।