- बच्चे को बेचने की कोशिश कर रहे गिरोह के छह सदस्य गिरफ्तार
- दंपती ने बच्चे को गोद लेने के एवज में पांच लाख में तय किया था सौदा
- बच्चा खरीदने के लिए सौदेबाजी करने वाले दंपती तक नहीं पहुंची पुलिस
Raipur shocking revelation in child selling case deal was finalized for rs 5 lakh father got more than rs 1 lakh: digi desk/BHN/रायपुर/छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चार माह के बच्चे को बेचने की कोशिश कर रहे गिरोह के छह सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद चौंकाने वाला राजफाश हुआ है। जांच में साफ हुआ है कि कांकेर की नौकरीपेशा दंपती ने बच्चे को गोद लेने के एवज में आरोपितों को पांच लाख रुपये देने का सौदा तय किया था। इसमें बच्चे के पिता को केवल डेढ़ लाख रुपये मिलने वाले थे, बाकी 3.50 लाख रुपये खुद बतौर कमीशन आरोपित आपस में बंटवारा करने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही वे पुलिस के हत्थे चढ़ गए। हालांकि पुलिस के हाथ बच्चा खरीदने के लिए सौदेबाजी करने वाले दंपती तक नहीं पहुंची है।
इस बात को लेकर पुलिस पर सवालिया निशान उठने लगे हैं। सिविल लाइन थाना पुलिस की गिरफ्त में आए ग्राम मोंहदी, भिलाई तीन (दुर्ग) निवासी नीलकंठ साहू, योगेश साहू और दिलीप साहू के साथ कचना बीएसयूपी कालोनी की यशोदा नायक, सुशीला नायक और न्यू राजेंद्रनगर, दीपक कालोनी की सरस्वती साहू से लंबी पूछताछ में कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई।
पुलिस अफसरों का कहना है कि मामले की जांच चल रही है। फिलहाल बच्चा बेचने की कोशिश में लगे सभी आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जांच में जैसे-जैसे तथ्य सामने आते जाएंगे, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
यशोदा ने सुशीला को कहा था कोई बच्चा बेचे तो बताना
सुशीला नायक ने पुलिस को दिए गए बयान में बताया कि पहलाजानी हास्पिटल शंकरनगर में 17 साल से हाउस कीपिंग का काम करने वाली उसकी मौसी यशोदा नायक (42) ने कहा था कि कोई अगर पैसा लेकर अपना बच्चा देना चाहता है तो बताना। तब उसने बहन सरस्वती साहू से संपर्क कर यह बात बताई थी। सरस्वती ने बहन दामाद दिलीप के जरिये भी इस बारे में जानकारी होने की बात स्वीकारी। सुशीला ने यह भी बताया कि यशोदा ने 3.50 लाख रुपये कमीशन मिलने और डेढ़ लाख रुपये बच्चे के पिता को देने की बात कही थी।
एडिशनल एसपी सिटी लखन पटले ने कहा, गिरफ्तार आरोपितों के जब्त मोबाइल में कई महिलाओं और बच्चों की फोटो मिले हैं। सभी बच्चों की तस्दीक की गई है। फिलहाल किसी को बेचा नहीं जा सका है। महिलाएं बच्चे को बेचने सौदेबाजी कर रहे थे। इसके लिए इन्होंने बच्चे की फोटो वाट्सएप में प्रसारित की थी। पुलिस टीम ने महिला बाल विकास विभाग के साथ मिलकर ग्राहक बनकर इन सभी को पकड़ा। आशंका है कि गिरोह के सदस्य किसी दूसरी जगह से बच्चा चोरी कर बेचने के साथ ही अजन्मे बच्चे का भी सौदेबाजी कर सकते हैं।
रायपुर के जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी निशा मिश्रा ने कहा,चार महीने के बच्चे को बेचने की कोशिश में लगे उसके पिता समेत छह लोगों को पकड़ा गया है। अब तक की जांच में यह कोई पेशेवर गिरोह नहीं लग रहा है, हालांकि पुलिस की जांच में सारी सच्चाई सामने आ जाएगी।
पिता ने कहा-पालने में असमर्थ, इसलिए गोद देने को हुआ तैयार
मोंहदी स्थित हरीश अग्रवाल के कृषि फार्म में चौकीदारी का काम करने वाले नीलकंठ साहू (45) ने पूछताछ में कहा कि उसके चार बच्चे विवेक (8), प्रियंका (4), खिलेंद्र (3) और चार महीने का रुपेंद्र साहू है। एक हफ्ते पहले काम के दौरान योगेश साहू (35) से संपर्क हुआ था। उसने बताया कि कांकेर की एक दंपती बच्चा गोद लेना चाहता है। आपके चार बच्चे हैं। लालन-पालन में दिक्कत हो रही है तो चौथे बच्चे को गोद दे दो। इसके एवज में डेढ़ लाख रुपये मिलेंगे।
नीलकंठ ने इस बारे में अपनी पत्नी सावित्री से बात की और कहा कि कोई बड़ा आदमी हमारे बच्चे को गोद लेगा तो वह भी बड़ा आदमी बन जाएंगा। उसके एवज में मिलने वाले पैसे से बाकी बच्चों का आसानी से पालन-पोषण कर पाएंगे। सावित्री भी इसके लिए तैयार हो गई।
योगेश ने बच्चे का फोटो खींचकर वाट्सएप पर कांकेर दंपती को भेजने की बात कही। इसके बाद 31 जनवरी को रायपुर कोर्ट में गोदनामा की लिखा-पढ़ी करने के लिए बुलवाकर वहां यशोदा नायक और सुशीला नायक से मिलवाया। साथ में दिलीप साहू, सरस्वती साहू भी थे। आरोपितों ने छह महीने बाद केवल अंतिम बार बच्चे से मिलवाने की बात कही थी। उनकी बात पर उसने सहमति जताई थी।