नई दिल्ली
देश के पूर्व उप-प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष रहे लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न सम्मान दिया जाएगा। आडवाणी का 8 दशक लंबा सार्वजनिक जीवन बड़े उतार-चढ़ावों भरा रहा है, लेकिन उन्होंने कभी शुचिता और मर्यादा से समझौता नहीं किया। 1927 में कराची में जन्मे लालकृष्ण आडवाणी बंटवारे के बाद भारत आए थे और फिर यहां सत्ता के शीर्ष तक पहुंचे। उनका जीवन भारत की सीमा के दोनों तरफ की कहानी को समेटे हुए है। यहां तक कि 2005 में जब पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ से मिले तो दोनों के बीच लंबी बातचीत कराची के उस सेंट पैट्रिक्स स्कूल को लेकर हुई थी, जहां से आडवाणी पढ़े थे।
इसी सेंट पैट्रिक्स स्कूल से जनरल परवेज मुशर्रफ ने भी पढ़ाई की थी। इसलिए दोनों के पास अपनी यादें और किस्से थे, जिसे वे देर तक साझा करते रहे। दरअसल सेंट पैट्रिक्स स्कूल का एक शानदार इतिहास भी रहा है, जिसके चलते उसे याद किया जाता है। सेंट पैट्रिक्स स्कूल के एलुमनाई में लालकृष्ण आडवाणी के अलावा कई नामी हस्तियां रहीं, जो पाकिस्तान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में जाने गए। इस स्कूल से निकले छात्रों में से दो पाकिस्तान के पीएम बने और दो राष्ट्रपति रहे। इसके अलावा तमाम क्रिकेटर, सेनाध्यक्ष, स्कॉलर और सिलेब्रिटीज भी हैं, जिन्होंने कभी सेंट पैट्रिक्स स्कूल में पढ़ाई की थी।
ईसाइयों की एक संस्था ने 1861 में इस स्कूल की स्थापना की थी। अंग्रेजी मीडिया से तब पढ़ना बड़ी बात था और अविभाजित भारत के रईसों के बच्चे इस स्कूल में पढ़ा करते थे। आज पाकिस्तान खस्ताहाल है और उसकी शिक्षा व्यवस्था भी कमजोर है, लेकिन इस स्कूल का जलवा कमोबेश जस का तस बना हुआ है। इस स्कूल से पढ़ाई करने वालों में आडवाणी के अलावा पाकिस्तान के पूर्व पीएम शौकत अजीज, मुहम्मद खान जुनेजो शामिल थे। इसके अलावा पाक के ही दो पूर्व राष्ट्रपतियों आसिफ अली जरदारी और जनरल परवेज मुशर्रफ ने भी यहीं से स्कूली शिक्षा पाई थी।
सिंध प्रांत के 4 CM और कई दिग्गज यहां से निकले
इसी स्कूल से पाकिस्तान के सिंध प्रांत के 4 मुख्यमंत्री भी निकले थे। वहीं जुल्फिकार अली भुट्टो के पिता शाह नवाज भुट्टो ने भी यहीं से पढ़ाई की थी। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी भी यहीं के स्टूडेंट थे। इन लोगों के अलावा पाकिस्तान टीम का हिस्सा रहे दानिश कनेरिया, जावेद मियांदाद, वसीम बारी, फैसल इकबाल भी यहीं के छात्र थे। इन लोगों के अलावा पाकिस्तान की न्यायपालिका से भी जुड़े तमाम लोग इस स्कूल के छात्र थे।