Monday , November 25 2024
Breaking News

ट्रांसजेंडर होने के कारण स्कूल ने निकाला, लैंगिक पहचान के आधार पर तिरस्कार… सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से मांगा जवाब

नई दिल्ली.

एक टीचर ने यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया कि उन्हें ट्रांसवुमन/ट्रांसजेंडर होने के कारण स्कूल से बर्खास्त कर दिया गया। चीफ जस्टिस की अगुआई वाली बेंच के सामने टीचर ने बताया कि वह ट्रांसवुमन टीचर हैं और जब स्कूल को यह पता चला तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। ऐसा दो बार गुजरात और यूपी के प्राइवेट स्कूलों में हुआ।

इस मामले में चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ ने चिंता जताई और कहा कि इस पर कुछ किया जाना चाहिए। जैसे ही वह नौकरी पाती हैं, उन्हें इस आधार पर बर्खास्त कर दिया जाता है कि वह ट्रांसजेंडर हैं। ऐसा यूपी ने किया। गुजरात ने भी यही किया। याचिकाकर्ता की वकील ने कहा कि यह सामाजिक कलंक का मसला है। यह दिखाता है कि कैसे टीचर को स्कूल में उसकी लैंगिक पहचान के आधार पर तिरस्कार मिला है। मैनेजमेंट यह जानता था कि टीचर ट्रांसवुमन हैं। वह स्टूडेंट्स के साथ विमिंस हॉस्टल में रह रही थीं, लेकिन जैसे ही यह बात फैली कि वह ट्रांसवुमन हैं, उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। अब स्कूल की ओर से यह कहा जा रहा है कि वह समय की पाबंद नहीं थीं, इसलिए बर्खास्त किया गया।
ट्रांसजेंडर होने के कारण नहीं निकाला: स्कूल
प्राइवेट स्कूल की ओर से पेश वकील ने कहा कि टीचर को ऑफर लेटर दिया गया था और उसके बाद वह दस्तावेज वेरिफिकेशन के लिए आई थीं, लेकिन जब वेरिफिकेशन हुआ तो उसकी पहचान उजागर हुई थी। हम इस मामले में स्कूल से निर्देश लेकर कोर्ट को बताएंगे कि आखिर किस आधार पर टर्मिनेट किया गया। हमें जो बताया गया है, उसके मुताबिक टीचर का ट्रांसजेंड़र होना उन्हें न रखने का आधार नहीं है।

About rishi pandit

Check Also

जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में स्थित हीर पोरा के घने जंगल में प्राचीन देवी-देवताओं की नक्काशी और संरचनाएं मिली

शोपियां जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में स्थित हीर पोरा के घने जंगल में प्राचीन नक्काशी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *