जयपुर
प्रदेश में भजनलाल शर्मा सरकार के पहले माह में खजाने की स्थिति में सुधार आया। सरकार गठन की प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही दिसम्बर माह में प्रदेश के कर राजस्व में तेजी से बढ़ोतरी हुई, वहीं उधारी में भी कमी आई। पिछले दो वित्तीय वर्षों के पहले 20 महीनों में दिसम्बर 2023 ऐसा महीना रहा, जब प्रदेश को सर्वाधिक राजस्व मिला। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) के आंकड़ो के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 में दिसम्बर माह तक कर राजस्व का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपए तक नहीं पहुंच पाया, जबकि मौजूदा वित्तीय वर्ष में दिसम्बर माह तक कर राजस्व का आंकड़ा एक लाख करोड़ का लक्ष्य पार करके 1,13813 करोड़ रुपए पहुंच गया। हालांकि मौजूदा वित्तीय वर्ष में नवम्बर माह तक उधारी का आंकड़ा 44 हजार करोड़ को पार कर गया, लेकिन दिसम्बर माह में इसमें करीब 1886 करोड़ रुपए की कमी आई। मौजूदा वित्तीय वर्ष में जुलाई माह में सबसे अधिक 8574 करोड़ रुपए से अधिक कर्जा लिया गया।
दिसम्बर में आया 16398 करोड़ रुपए कर राजस्व
पिछले वित्तीय वर्ष में दिसम्बर माह में कर राजस्व में तेजी से कमी आई, जबकि मौजूदा वित्तीय वर्ष में नवम्बर तक जून माह में सर्वाधिक कर राजस्व आया और दिसम्बर माह में वह आंकड़ा भी पीछे छूट गया। अकेले दिसम्बर 2023 में प्रदेश में 16398 करोड़ रुपए से अधिक कर राजस्व जमा हुआ।
उधारी में आई कमी
सीएजी के आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में नवम्बर तक देनदारी का आंकड़ा 44,736.84 करोड़ पहुंच गया, जो दिसम्बर में 1886.49 करोड़ रुपए घटकर 42,850.35 करोड़ रुपए रह गया। आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में जुलाई माह में इस वित्तीय वर्ष के पहले 10 माह में सर्वाधिक 8574. 79 करोड़ रुपए का कर्जा लिया गया।
अप्रेल से दिसम्बर तक जमा कर राजस्व
वितीय वर्ष- कर राजस्व, करोड रुपए में
2022-23–99586.69
2023-24–113813
ऐसे बढ़ता गया राजस्व
माह–मासिक राजस्व, करोड़ रुपए
अप्रेल-10968.22
मई-11212.59
जून-14788.70
जुलाई-12019.02
अगस्त-11856.77
सितम्बर-11931.25
अक्टूबर-12614.62
नवम्बर-12022.92
दिसम्बर-16398.91