Rent Agreement:digi desk/BHN/ उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में किराए का मकानों को लेकर नए व्यवस्था बनाई है। इसके लिए सरकार ने उत्तर प्रदेश नगरीय किरायेदारी विनियमन अध्यादेश-2021 बनाया है। इसे योगी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। अध्यादेश की दो सबसे बड़ी बातें ये हैं कि अब यूपी में बिना Rent Agreemen यानी किराए के अनुबंध के बिना मकान नहीं मिलेगा। वहीं मकान मालिक साल में 5 से 7 फीसदी तक ही भाड़ा बढ़ा पाएगा। पूरी कवायद का मकसद यही है कि मकान मालिक और किरायेदारों के बीच विवाद के मामलों में कमी लाई जाए। विवादों का निपटान करने के लिए रेंट अथारिटी एवं रेंट ट्रिब्यूनल गठित किए जाएंगे।
ट्रिब्यूनल को अधिकतम 60 दिनों में मामले का निस्तारण करना होगा। आध्यादेश के मुताबिक, मकान मालिक किराये में मनमानी बढ़ोतरी भी नहीं कर सकेंगे। प्रदेश में वर्तमान में उत्तर प्रदेश शहरी भवन (किराये पर देने, किराया तथा बेदखली विनियमन) अधिनियम-1972 लागू है। यह कानून काफी पुराना हो चुका है। प्रदेश में इस समय मकान मालिक व किरायेदारों के बीच विवाद बढ़ गए हैं। बड़ी संख्या में मामले कोर्ट में चल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रदेश सरकार ने केंद्र के मॉडल टेनेंसी एक्ट के आधार पर नया अध्यादेश तैयार किया है।
इन पर लागू नहीं होगा किरायेदारी कानून
केंद्र सरकार, राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रदेश के उपक्रम में यह कानून लागू नहीं होगा। कंपनी, विश्वविद्यालय या कोई संगठन, सेवा अनुबंध के रूप में अपने कर्मचारियों को किराये पर कोई मकान देते हैं तो उन पर यह लागू नहीं होगा। धार्मिक, धार्मिक संस्थान, लोक न्याय अधिनियम के तहत पंजीकृत ट्रस्ट, वक्फ के स्वामित्व वाले परिसर पर भी किरायेदारी कानून प्रभावी नहीं होगा।
Rent Agreement अध्यादेश की खास बातें
- रेंट एग्रीमेंट की शर्तों के अनुसार समय पर देना होगा किराया
- मकान मालिक को देनी होगी किराए की रसीद
- एग्रीमेंट की मूलप्रति का एक सेट दोनों के पास रहेगा
- किराएदार को परिसर की करनी होगी देखभाल
- मकान मालिक किराएदार को एंग्रीमेंट अवधि में नहीं कर सकेंगे बेदखल
- मकान मलिक को भी देनी होंगी जरूरी सेवाएं
- 2 माह तक किराया न देने पर किरायेदार को मकान मालिक हटा सकेंगे।
- किराएदार घर में बिना पूछे तोड़फोड़ नहीं कर सकेंगे।
- सिक्योरिटी डिपाजिट के नाम पर मकान मालिक दो महीने से अधिक एडवांस नहीं ले सकेंगे जबकि गैर आवासीय परिसरों के लिए छह माह का एडवांस लिया जा सकेगा।