नई दिल्ली
जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने रविवार को एक बार फिर से पाला बदल लिया है। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और कहा कि उन्हें ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) और ‘महागठबंधन' में ‘‘स्थिति ठीक नहीं लग रही थी। ऐसे में उन्होंने भाजपा के साथ नया गठबंधन और नई सरकार बनाने का फैसला लिया है। नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद उनके पूर्व सहयोगी तिलमिलाए हुए हैं और हमलावर हैं। इसी बीच शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि 'अयोध्या में राम आए, बिहार में पलटूराम।'
संजय राउत ने कहा, 'नीतीश कुमार के हमसे दूर जाने से बिहार की राजनीति पर कोई फर्क पड़ेगा, मुझे ऐसा नहीं लगता। कांग्रेस, तेजस्वी यादव और अन्य छोटे दलों का साथ है। आम आदमी पार्टी की बात करें तो दिल्ली में कांग्रेस उसके बीच सहमति बन चुकी है। जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी। राउत ने कहा, 'इंडिया ब्लाॅक की स्थिति उत्तम है। ममता बनर्जी अभी बाहर नहीं हुई हैं। नीतीश कुमार का यह खेल चलता रहता है। उनका मानसिक स्वास्थ ठीक नहीं है।'
कई लोग आया राम गया राम हैं- खरगे
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बिहार में (जद यू) और उसके शीर्ष नेतृत्व पर ‘महागठबंधन' से अलग होने और राज्य में नई सरकार के गठन के लिए बीजेपी में फिर से शामिल होने पर निशाना साधा और कहा कि इसका अंदेश पहले ही था। खरगे ने साथ ही कहा कि देश में ऐसे कई लोग हैं जो ‘‘आया राम गया राम हैं।'' खरगे ने कहा कि उन्हें पांच दिन पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने जद (यू) के महागठबंधन से बाहर निकलने की योजना के बारे में जानकारी दी थी और तमाम प्रयास किए गए लेकिन नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पार्टी अलग हो गई।
नीतीश कुमार ने दिया इस्तीफा
खरगे ने कहा, ‘‘राजद नेता लालू प्रसाद यादव ने पांच दिन पहले इसके संकेत दिए थे और मैंने उनसे स्थिति के बारे में विस्तार से बातचीत की थी कि संख्या क्या है, उनकी संख्या कितनी है और क्या करना है। यादव ने मुझे कहा कि अगर वे (जद यू) जा रहे हैं तो उन्हें जाने दीजिए….।'' उन्होंने कहा कि इसके बारे में जानने के बावजूद वह इसका खुलासा नहीं करना चाहते थे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल राजेन्द्र वी आर्लेकर को रविवार सुबह अपना इस्तीफा सौंप दिया। अधिकारियों ने बताया कि राज्यपाल ने कुमार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और नयी सरकार के गठन तक उन्हें कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा है।