सराफा कारोबारी ने किया खेल

Gst scam:digi desk/BHN/  केंद्रीय जीएसटी के अधिकारियों ने गुजरात में दस हजार करोड से अधिक का जीएसटी फर्जी बिलिंग घोटाले को उजागर किया है। भरत सोनी के 2435 करोड के फर्जी बिल पकडे जा चुके हैं। आरोपी सोनी बाजार के अन्‍य व्‍यापारियों के साथ मिलकर 7250 करोड रु के फर्जी बिल बनाकर जीएसटी विभाग को करोडों की चपत लगवा चुका है। इनपुट टेक्‍स क्रेडिट के जरिए भरत सोनी अलग अलग फर्जी कंपनियां बनाकर इनपुट टेक्‍स क्रेडिट की 72 करोड रु की रकम बटोर चुका है।

सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टेक्‍ट के अधिकारियों की नजर लंबे समय से अहमदाबाद के राणिप इलाके की शुकन स्‍माइल सिटी में रहने वाले ज्‍वैलर भरत भगवान दास सोनी पर लगी हुई थी। सीजीएसटी के एंटीईवेजन डिपार्टमेंट के अधिकारियों को अहमदाबाद के सोनी बाजार में बडे पैमाने पर बोगस बिलिंग होने की जानकारी मिली थी। जीएसटी विभाग में इनपुट टेक्‍स क्रेडिट के सिस्‍टम का लाभ उठाकर सोना, चांदी व हीरा कारोबारी बडे पैमाने पर फर्जी बिल बनाकर जीएसटी विभाग को करोडों का चूना लगाने की जानकारी मिलने पर सीजीएसटी के अधिकारियों ने भरत सोनी की कंपनियों घनश्‍याम ज्‍वैलर्स, कनिष्‍का जवैलर्स, दीप ज्‍वैलर्स, एन एस ज्‍वैलर्स, एस ए ऑर्नामेंट्स तथा बीटु जेम्‍स की लेन देन की ऑनलाइन जांच की। अधिकारियों को इन कंपनियों के कारोबार पर संदेह होने के बाद इनके खातों की जांच की गई। विभाग को पता चला कि भरत सोनी अपने रिश्‍तेदारों के नाम पर अलग अलग कंपनियां बनाकर सोना, चांदी व हीरा बिक्री के फर्जी बिल बनाकर इनपुट टेक्‍स क्रेडिट की 72 करोड रु की रकम बटोर चुका है। भरत सोनी ने इन कंपनियों के जरिए 2435 करोड के फर्जी बिल बनाकर इस घोटाले को अंजाम दिया।
सीजीएसटी के अधिकारियों ने आशंका जताई है कि यह घोटाला 10 हजार करोड के पार जा सकता है, स्‍टेट जीएसटी विभाग की सालाना आय से भी अधिक रकम के घोटाले से जीएसटी विभाग के अधिकारी भी सन्‍न हैं। जीएसटी अधिकारियों ने भरत सोनी की धरपकड पूछताछ की जिसमें पता चला है कि अहमदाबाद सोनी बाजार के व्‍यापारियों ने मिलकर अब तक 7250 करोड रु के फर्जी बिल बनाकर करीब 210 करोड रु इनपुट टेक्‍स क्रेडिट के रूप में बटोर चुके हैं, हाल अहमदाबाद के सोनी बाजार के व्‍यापारी को ही पकडा गया है सूरत में भी इस तरह के घोटाले की जीएसटी विभाग को आशंका है। विभाग को इस घोटाले में चार्टर्ड अकाउन्टेंट, जीएसटी विभाग तथा राज्‍य के आला अधिकारियों की मिलीभगत की भी आशंका है।