Gujarat Patang Utsav:digi desk/BHN/ गुजरात में मकर संक्रांति के दौरान छतों पर एकत्र होने पर राज्य सरकार ने रोक लगा दी है। इसी बीच पतंग पर्व पर पूरी तरह रोक के लिए भी हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। वहीं पतंग मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन ने भी याचिका दाखिल कर गुहार लगाई है कि पतंग उत्सव से उनकी आजीविका चलती है ऐसे में किसी भी तरह के फैसले से पहले उनका पक्ष सुना जाए। बता दें, गुजरात में भगवान जगन्नाथजी की रथयात्रा, नवरात्रि, गणेश महोत्सव के बाद अब उत्तरायण पर्व को लेकर सरकार, व्यापारी तथा नागरिक पशोपेश में हैं। कोरोना महामारी के चलते राज्य में सभी प्रकार के सामाजिक, धार्मिक उत्सवों को प्रतीक रूप में ही मनाने की छूट दी गई जबकि नवरात्रि के दौरान गरबा पर पूरी तरह रोक लगा दी गई थी।
आगामी मकर संक्रांति को लेकर गुजरात उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल कर मांग की गई है कि कोरोना संक्रमण लगातार बढने के कारण राज्य में मकर संक्रांति पर्व मनाने पर रोक लगा दी जानी चाहिए।
गौरतलब है कि उपमुख्मयंत्री नितिन पटेल ने गत दिनों ही यह घोषणा की थी कि मकर संक्रांति पर्व के दौरान छतों पर 4 से अधिक लोग एकत्र नहीं हो सकेंगे। सोसायटी तथा मकान की छतों पर लाउडस्पीकर लगाने तथा लोगों के समूह एकत्र होने पर रोक लगाने की घोषणा की थी। इस संबंध में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर उत्तरायण पर्व पर ही रोक लगाने की मांग की गई है।
उधर गुजरात के पतंग मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता केआर कोष्टी ने याचिका दाखिल कर फैसले से पहले उनका पक्ष सुनने की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि पतंग बनाने वाले गरीब व सामान्य परिवार के लोग हैं जो सालभर पतंग व डोरी बनाकर पतंग उत्सव के दौरान उसकी बिक्री करते हैं, पतंग उत्सव पर रोक लगाये जाने से इन परिवारों के सामने आजीविका तथा परिवार का गुजारा चलाने का संकट पैदा हो जाएगा। उधर उत्सव पर रोक लगाने की मांग करनेवाले याचिकाकर्ता का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते देश विेदेश में रोजगार बंद अथवा बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, पतंग व डोरी की बिक्री को छूट दी जाती है तो कोरोना संक्रमण बढने का खतरा पैदा होगा जिससे स्वास्थ्य विभाग तथा सरकार पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।