Pakistan, imran khan hafiz saeed: digi desk/BHN/लाहौर/ आतंकवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ सख्ती की पाकिस्तान की खोखली कार्रवाई एक बार फिर दुनिया के सामने उजागर हुई है। पड़ोसी मुल्क से आई दो खबरें दोगला चेहरा बयां कर रही हैं। लाहौर हाई कोर्ट ने टेटर फंडिंग केस में आतंकियों के आका हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा के 6 सदस्यों को बरी कर दिया है। वहीं कट्टरपंथियों पर शिकंजा कसने का इमरान खान का नाटक भी सामने है। इमरान खान ने तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) को कट्टरपंथी संगठनों की लिस्ट से बाहर कर लिया है। तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने पाबंदी के खिलाफ प्रदर्शन किया था और अब इमरान खान को झुकना पड़ा।
बता दें, टीएलपी की स्थापना 2015 में की गई थी। इस संगठन को इस साल अप्रैल में प्रतिबंधित कर दिया गया था, क्योंकि इसने फ्रांस में प्रकाशित ‘ईशनिंदा’ कार्टून पर फ्रांसीसी राजदूत के निष्कासन की मांग को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन किया था। बहरहाल, अब इमरान खान ने आंतरिक मंत्रालय के माध्यम से प्रांतीय पंजाब सरकार की सिफारिश के बाद प्रतिबंध हटाने के लिए अपनी सहमति दे दी।