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Pakistan:आईएमएफ ने PAK को और लोन देने से किया इंकार, एक अरब डॉलर की किश्त रोकी

IMF stopped payment of i billion doller instalment: digi desk/BHN/ कंगाली की स्थिति में पहुंच चुके पाकिस्तान की स्थिति और खराब होने वाली है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को और लोन देने से इंकार करते हुए उसे दी जाने वाली 1 अरब डॉलर की किश्त भी रोक दी है। इमरान सरकार को आईएमएफ के साथ 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर के एक्सटेंडेंट फंड फैसिलिटी (EFF) के तहत एक समझौते पर बातचीत चल रही थी, जिसके तहत अगली किश्‍त के रूप में उसे एक अरब डॉलर दिया जाना था। लेकिन बातचीत के ताजा दौर में आपसी सहमति नहीं बन पाई और IMF ने पाकिस्‍तान को एक अरब डॉलर की किश्त जारी करने से इंकार कर दिया। जाहिर है, ऐसे में आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) की हालत और खराब होने वाली है।

क्या था मामला?

दरअसल, पाकिस्तान और आईएमएफ ने जुलाई, 2019 में छह अरब डॉलर के लोन के लिए करार किया था। जनवरी, 2020 में यह कार्यक्रम पटरी से उतर गया था। बीच में मार्च 2021 में इस फिर से शुरु किया गया, लेकिन जून में फिर बंद हो गया। IMF के साथ करार के तहत पाकिस्तान को अगली किश्‍त के रूप में एक अरब डॉलर दिया जाना था। इसी लोन करार को लेकर दोनों पक्षों में बातचीत हुई, लेकिन पाकिस्तान IMF के अधिकारियों को संतुष्ट नहीं कर सका। आईएमएफ को मनाने के लिए पाकिस्‍तान के वित्‍त सचिव लंबे समय से वॉशिंगटन डीसी में डेरा डाले हुए हैं। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

IMF ने क्यों किया इंकार?

पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ मेमोरेंडम ऑफ इकोनॉमिक एंड फाइनेंशियल पॉलिसीज (MEFP) पर सहमति बनाने में नाकाम रहा है। IMF के अधिकारी अभी भी MEFP के तहत पाकिस्तान के व्यापक आर्थिक ढांचे से असंतुष्ट हैं। IMF को मनाने के लिए इमरान खान सरकार ने बिजली की बेसलाइन टैरिफ के लिए औसतन 1.39 रुपये प्रति यूनिट शुल्क बढ़ा दिया। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भी भारी बढ़ोतरी की, लेकिन इससे भी IMF संतुष्‍ट नहीं हुआ।

आगे क्या होगा?

आईएमएफ से कर्ज नहीं मिलने से पाकिस्तान को चीन या खाड़ी देशों के आगे एक बार फिर से झोली फैलाना पड़ सकता है। लेकिन इससे पहले चीन समेत तमाम खाड़ी देश, पाकिस्तान को किसी तरह की आर्थिक रियायत देने से इंकार कर चुके हैं। आपको बता दें कि हाल में ही पाकिस्तान की संसद में पाक सरकार ने कबूल किया था कि अब हर पाकिस्तानी के ऊपर करीब एक लाख 75 हजार रुपये का कर्ज है। इसमें इमरान खान की सरकार का योगदान 54901 रुपये यानी कर्ज की कुल राशि का 46 फीसदी है। आपको बता दें कि कर्ज का यह बोझ पाकिस्तानियों के ऊपर पिछले दो साल में बढ़ा है। जब इमरान ने पाकिस्तान की सत्ता संभाली थी, तब देश के हर नागरिक के ऊपर 1 लाख 20 हजार रुपये का कर्ज था।

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