पूरी बारिश होगी मिलिंग, ऐसे में खराब होगी धान, अभी जिम्मेदारी तय नहीं
कटनी,भास्कर हिंदी न्यूज़/ जिले के 6 ओपन कैपों में रखी हजारों में मीट्रिक टन धान फिर खराब हो जाएगी। इससे पहले पिछले सत्रों में खरीदी गई धान प्रशासन की लापरवाही से जिले में विपणन संघ सहित और अन्य वेयर हाउस में रखी करीब 32 हजार मीट्रिक टन धान खराब हो गई थी। इसे मिलर्स ने उठाने से मना कर दिया। इसके बाद प्रशासन द्वारा इस खराब धान को कम दामों पर रिमिलिंग के लिए टेंडर निकाले जाने की तैयारी की गई। इस बार नई खरीदी गई धान की मिलिंग के लिए 18 जून को आदेश आए हैं। अब मिलिंग पूरी बारिश चलेगी। इसमें करीब 4 से 5 माह का समय लगेगा। ऐसे में धान खराब होगी और शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान होगा तो फिर इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा यह तय नहीं है।
मामले में विप्रणन संघ द्वारा कहा जा रहा है कि मामले में नागरिक आपूर्ति निगम ने समय रहते फिर धान का उठाव नहीं किया जा रहा है। वहीं नागरिक आपूर्ति निगम का कहना है कि हम उठाव में लगे हैं।
ओपन कैपों में रखी 54 हजार मीट्रिक टन धान
जिला विप्रणन संघ से मिली जानकारी के अनुसार इस बार जिले के 6 ओपन कैप में नए सत्र की धान भंडारित की गई है। इसमें जिले के कटनी, टिकरिया, बड़वारा, स्लीमनाबाद, बहोरीबंद में यह धान रखी गई है। कुल धान 54 हजार 680 मीट्रिक टन यहां भंडारित की गई है। इसके अलावा वर्ष 2019-20 की 27 हजार मीट्रिक टन धान इन्हीं ओपन कैप में भंडारित की गई है। विप्रणन संघ से मिली जानकारी के अनुसार जिले में इस बार भी धान खराब हो सकती है क्योंकि ओपन कैप में कुछ महीने ही धान सुरक्षित रहती है लेकिन अभी तक सिर्फ बड़वारा ओपन कैप से ही नान द्वारा धान उठवाई गई है।
मझगवां फाटक में बर्बाद हो रही धान
मझगवां फाटक ओपन कैप की ग्राउंड रिपोर्ट की। मझगवां फाटक ओपन कैप में धान पूरी तरह बर्बाद हो रही है। यहां पर खबरों के बाद फिर दिखावे के लिए पन्नियां लगाई जा रही हैं लेकिन अभी पूरी तरह धान खुली हुई है। हर वर्ष खराब होती है हजारों मीट्रिक टन धान जिले में धान उठाव नहीं होने से हर वर्ष सैकड़ों मीट्रिक टन धान खराब हो जाती है जिसे किसान अपनी मेहनत से उगाता है। इससे सरकार को भी करोड़ों के राजस्व का नुकसान होता है। इसके बाद जिम्मेदार अधिकारी एक दूसरे के ऊपर जिम्मेदार डाल कर बरी हो जाते हैं लेकिन मामले में सही जवाब देने के लिए कोई तैयार नहीं होता है। लाख टके का सवाल यह है कि अरबों की धान यदि खराब होती है तो जिम्मेदारी किसकी है।
17 हजार मीट्रिक टन रखी है धान
मझगवां फाटक ओपन कैप में 17 हजार मीट्रिक टन धान रखी है। इसकी कीमत करोड़ों में है। यह धान पूरी तरह खराब हो गई है। इस धान को संभालने के लिए कोई नहीं है। विप्रणन संघ से मिली जानकारी के अनुसार धान इस सत्र की नहीं पुरानी है। जिला विप्रणन संघ द्वारा संरक्षित मझगवां ओपन कैप में धान खराब हो गई थी। इससे पहले मझगवां ओपन कैप में धान खराब हो गई थी। मझगवां कैप में रखी धान नमी के कारण धीरे-धीरे उगने लगी थी। यह धान जिले के खरीदी केंद्रों से खरीदी के बाद इसी ओपन कैप में संरक्षित की गई थी। इन के आलावा अन्य ओपन कैप में धान खराब हो गई है।