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हारे प्रत्याशियों को मिली बड़ी जिम्मेदारी, मध्य प्रदेश में ऐसा है भाजपा का चुनावी प्लान

भोपाल

 विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से विजय प्राप्त करने के बाद अब भाजपा लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। बुधवार को राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद गुरुवार को राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने हारे हुए प्रत्याशियों के साथ बैठक की। इसमें प्रत्याशियों से हार के कारण और भितरघात को लेकर भी बात हुई।

हारे हुए प्रत्याशियों ने अपने विधानसभा क्षेत्र की रिपोर्ट बनाकर प्रदेश संगठन को सौंपी हैं। जिन सीटों पर भाजपा को बड़े अंतर से हार मिली है, वहां भाजपा लोकसभा चुनाव में पूरी ताकत से जुटेगी। जिन सीटों पर कम अंतर से हार मिली है, वहां के प्रत्याशियों को पार्टी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देगी। हार के कारणों पर मंथन के बाद भितरघात करने वालों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।

छिंदवाड़ा के हारे हुए प्रत्याशियों ने भितरघात करने वालों की सूची भी संगठन को सौंपी है। पार्टी ने तय किया है कि हारे हुए प्रत्याशियों को लोकसभा चुनाव का प्रभारी बनाकर विधानसभावार जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। लोकसभा चुनाव के बाद भी वे प्रभारी की भूमिका में रहेंगे।

जीत- हार दोनों की समीक्षा की

बैठक के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने मीडिया से चर्चा में कहा कि भाजपा हमेशा से जीत और हार दोनों की समीक्षा करती है। विधानसभा चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक प्रचंड बहुमत की जीत के बाद हमारे ऐसे प्रत्याशी जिन्हें सफलता नहीं मिल सकी, उन सभी के साथ बैठक की है।
विकसित भारत एंबेसेडर बनाएंगे हारे हुए प्रत्याशी

विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि कई कार्यकर्ता (प्रत्याशी) तो ऐसे हैं जो 600, 500 और 145 वोटों से भी हारे हैं। कुछ विधानसभा सीटों पर हम बहुत कम मतों से पीछे रह गए। ऐसे प्रत्याशी आगामी कार्ययोजना के साथ लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जुटेंगे। विकसित भारत संकल्प यात्रा को सभी विधानसभा क्षेत्रों में यशस्वी बनाना, यात्रा के माध्यम से गरीब कल्याण के कार्य को ताकत देने का काम करेंगे। हारे हुए प्रत्याशी, संगठन के साथ मिलकर विकसित भारत एंबेसेडर बनाएंगे।

पार्टी जहां से लड़ाएगी, मैं लड़ने को तैयार

बैठक के बाद डबरा से प्रत्याशी रहीं इमरती देवी ने मीडिया से चर्चा में कहा कि मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित चार लोकसभा सीटें हैं। पार्टी नेतृत्व जहां से लड़ाएगा, मैं लड़ने के लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा कि मेेरे हारने का कोई कारण नहीं है। मेरी किस्मत में जीतना नहीं था, इसलिए हारीं। अब पार्टी ने लोकसभा चुनाव में जुटने का आदेश दिया है। हमारा फोकस प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटें जीतना है।

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