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Umaria: 50 दिन में पकड़ा गया बाघ, 7 हाथी और 70 से ज्यादा कर्मचारियों ने रेस्क्यू कर बाड़े में छोड़ा

उमरिया, भास्कर हिंदी न्यूज़/  बांधवगढ़ के एक और बाघ को मंगलवार को कैद में डाल दिया गया है। ताला रेंज की हरदिया बीट के कंपार्टमेंट 313 से उक्त बाघ को रेस्क्यू किया गया और उसके व्यवहार में अध्ययन के बहाने से उसे बहेरहा के बाड़े में डाल दिया गया है। पिछले तीन साल से ज्यादा समय से दो बाघ पहले ही इस बाड़े में कैद थे और तीसरे बाघ को इसी साल 26 मार्च को बाड़े में डाला गया था। इस तरह अब बांधवगढ़ की अघोषित जेल में सजा काटने वाले बाघों की संख्या चार हो गई है।

पिछले महीने की 17 तारीख को बाघ के हमले में एक युवक की मौत के बाद मझखेता के ग्रामीण आक्रोशित हो गए थे। उन्होंने पुलिस को पीएम के लिए भी लाश नहीं उठाने दी। घटना स्थल पर ही पन्नी तानकर ग्रामीण बैठ गए और बाघों को गांव से दूर ले जाने की मांग करते रहे। इस पूरे प्रकरण का पटाक्षेप 18 अगस्त की दोपहर बाद मंत्री मीना सिंह के घटना स्थल पर पहुंचने के बाद हुआ। मंत्री मीना सिंह के साथ कलेक्टर बुद्धेश वैद्य भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने भी ग्रामीणों को समझाया। कलेक्टर ने मंत्री के निर्देश पर वन विभाग को निर्देश दिया कि गांव के आसपास फैंसिंग का काम जल्द किया जाए ताकि आगे इस तरह की घटना न होने पाए। साथ ही बाघ को भी गांव के आसपास से दूर करने के लिए कहा गया।

एक महीने में तीसरी घटना

बांधवगढ़ में बाघ के हमले में एक महीने में मौत की यह तीसरी घटना थी। 17 अगस्त की शाम बांधवगढ़ के वन परिक्षेत्र मानपुर अंतर्गत मझखेता बीट के ददरीहार में अपने मवेशी लेने गए युवक राजबहोर पिता शिवभजन सिंह उम्र 35 वर्ष निवासी मझखेता की बाघ के हमले में मौत हो गई थी। जुलाई के महीने में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर रेंज में बाघ के हमले में अजय बैगा की मौत थी। इन दो घटनाओं के पहले बांधवगढ टाइगर रिज़र्व के धमोखर वन परिक्षेत्र के आरएफ क्रम 109 ददरौंड़ी बीट में मवेशी चराने गए वृद्ध पर टाइगर ने हमला कर दिया था। इस घटना में 77 वर्षीय वृद्ध सुखदेव प्रसाद की मौत हो गई थी।

पचास दिन चला ऑपरेशन
बाघ का रेस्क्यू करने के बाद बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने यह जानकारी सार्वजनिक की कि पचास दिनों की मेहनत के बाद बाघ का रेस्कयू करने में सफलता मिली है। इस अभियान में सात हाथी और 70 से ज्यादा सुरक्षा श्रमिक और वन विभाग का अमला शामिल हुआ था। दरअसल जुलाई के मध्य में हुई घटना के बाद से ही वन विभाग यह अभियान चला रहा था। हालांकि अभी भी मानपुर रेंज के मझखेता के आसपास पांच से ज्यादा बाघ सक्रिय हैं जिनसे सतर्क रहने की अपील वन प्रबंधन ने की है।

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