Chhattisgarh sukma entering the lair of naxalites the force demolished two camps in 48 hours naxalite uniform and other items recovered: digi desk/BHN/सुकमा/आपरेशन मानसून में सुरक्षा बल अब बरसात, पहाड़ और नदी-नालों की चुनौती को पार करते हुए नक्सलियों के गढ़ में घुसकर उन्हें जवाब दे रही है। सुकमा और दंतेवाड़ा जिले के सीमा क्षेत्र में घोर नक्सल प्रभावित गोगुंडा, सिमेल, तुम्मापाड़, गट्टापाड़ व तोयापारा के पहाड़ियों में सुरक्षा बल ने 48 घंटे तक आपरेशन चलाकर दो बड़े नक्सल कैंप को ध्वस्त कर दिया है।यह दोनों कैंप करीब 80 से 100 नक्सलियों के रहने की क्षमता वाले थे। सुरक्षा बल ने इन कैंप से नक्सली वर्दी, पिट्ठू, बर्तन, सोलर प्लेट, पालिथीन, बड़े-बड़े जर्किन, दवाइयां व भारी मात्रा में दैनिक उपयोगी सामान बरामद किया है। रास्ते में फोर्स ने चार इम्प्रोवाइज एक्सप्लोसिव डिवाइज भी बरामद किया है, जिसे फोर्स को नुकसान पहुंचाने के इरादे से नक्सलियों ने लगाया था।
पुलिस के अनुसार नक्सलियों के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले गोगुंडा, सिमेल और तोयापारा के पहाड़ियों में बड़ी संख्या में दरभा डिवीजन के केरलापाल एरिया कमेटी, मलांगीर एरिया कमेटी, कटेकल्याण एरिया कमेटी एवं प्लाटून नंबर 24, 26 के लगभग 80-100 सशस्त्र वर्दीधारी नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना मिली थी। इस पर सुकमा व दंतेवाड़ा पुलिस ने संयुक्त अभियान के तहत डीआरजी, एसटीएफ, 201 वाहिनी कोबरा की टीम को अभियान पर भेजा था।
फोर्स करीब 48 घंटे तक जंगल व पहाड़ियों को पार करते हुए नक्सलियों के कैंप तक पहुंचने में सफल रही। रविवार को सुरक्षा बल जैसे ही सिमेल की पहाड़ी के पास पहुंचे, घात लगाए करीब 30-40 सशस्त्र नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरु कर दी। जवाबी कार्रवाई में खुद को कमजोर पड़ता देख नक्सली जंगल-पहाड़ी की आड़ लेकर भाग गये।
दो बड़े नक्सली कैंप ध्वस्त
सुरक्षा बल सिमेल व तुम्मापाड़ के बीच पहाड़ी को सर्च करते हुए आगे बढ़ रही थी, जहां पर लगभग 80-100 नक्सलियों के रहने की क्षमता वाले दो बड़े-बड़े नक्सली कैंप मिले, जिसे जवानो ने ध्वस्त किया। मौके व आसपास के स्थल की तलाश करने पर नक्सल सामग्री मिली, जिसे बरामद किया गया।
चार आइईडी किए गए निष्क्रिय
गोगुंडा की पहाड़ियों में सर्चिंग के दौरान सुरक्षा बल ने 50 मीटर के दायरे में नक्सलियों के लगाए हुए चार आइईडी को मौके पर ही नष्ट कर दिया। नक्सलियों ने पुलिस पार्टी के आने-जाने वाले संभावित रास्तों पर नुकसान पहुंचाने की नीयत से इसे लगाया था।