Gwalior ladli bahna yojna banks spent brother s gift from the account of dear sister also imposed penalty: digi desk/BHN/ग्वालियर/ मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के तहत बैंक खाते में मिले 1000 रुपये की खुशी सिरोल की सीमा मित्तल बैंक पहुंचते ही छू मंतर हो गई। क्योंकि खाते में एक हजार रुपये पहुंचने का मैसेज देखकर सीमा मित्तल खुशी सातवें आसमान पर थी। जब बैंक से पैसा निकालने पहुंची तो पता चला कि उनके खाते में योजना के तहत मिले पैसों को बैंक ने काट लिया। उल्टा न्यूनतम बैलेंस न रखने पर 13 हजार रुपये की पेनल्टी निकाल दी।
नाका चन्द्रबदनी की रहने वाली आरती के खाते में पैसा तो आए लेकिन बैंक ने बीमा के साढ़े 400 रुपये काट लिए।इसी तरह से सिंधिया नगर की आरती जाटव के खाते में पैसा तो आया पर न्यूनतम बैलेंस न रखने के कारण बैंक ने उनके खाते से भी पैसा उड़ा दिए।यह बहनें भैया से मिली सौगात की अभी खुशी भी न मना पाई थी कि बैंक ने उनके खाते पर कटौत्रा का ग्रहण लगा दिया।उनका कहना है कि बैंक अफसर भी उन्हें ठीक ठीक से जवाब नहीं देते कि आखिर योजना के तहत आने वाला पैसा उन्हें मिलेगा भी या नहीं। गौरतलब है कि 10 जून को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहना योजना के तहत प्रदेश की पात्र महिलाओं के खाते में एक एक हजार रुपये की राशि भेजना शुरू की थी।लेकिन जिन महिलाओं के खाते में पैसा पहुंचा उनमें से अधिकांश को इसका लाभ नहीं मिल सका। हालांकि महिलाओं की यह शिकायत बैंक प्रबंधन तक पहुंची है जिस पर शीघ्र ही निर्णय हाे सकता है।
बीमा का पैसा भी काटा
10 जून को सीएम की ओर से इसकी औपचारिक शुरुआत की जा चुकी है। जो बहनें अब तक बैंक नहीं पहुंचीं उनका तो नहीं पता, लेकिन जो पहुंचीं उनमें से अनेक के खातों से न्यूनतम बैलेंस मेंटेंन नहीं रख पाने की वजह से राशि काट ली गई। जिन महिलाओं के खाते बहुत पुराने हैं और उनमें बैलेंस नहीं रहा, तो उनके खाते लगभग खाली हो गए। एलबीवाय की राशि अंतरित होने के साथ ही संबंधित खातों का हिसाब बराबर कर लिया गया। इस मामले में जहां हितग्राही खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं वहीं बैंकों के अफसर राशि काटना बैंकों की नीतिगत मजबूरी बता रहे हैं।जिन हितग्राहियों ने खाता खुलवाते समय 20 व 436 रुपये वार्षिक राशि का बीमा ले रखा था उसकी किस्त भी बैंकों ने काट ली है।
हर बैंक के अपने नियम
बैंक अधिकारियों का कहना है कि हर बैंक के अपने नियम होते हैं। सेविंग खाते के भी अलग अलग नियम व स्कीम होती हैं। आपने जिस स्कीम के तहत जमा खाता खुलवाया वह नियम आपके ऊपर लागू होंगे। बैंक अफसर बताते हैं कि जैसे जनधन योजना,क्याेस्क , और जीरो बैलेंस पर खाता खुलवाने पर आपको खाते में न्यूनतम बैलेंस रखने की आवश्यकता नहीं। लेकिन यदि किसी खाते में महीने हजार या 500 रुपये रखने की पात्रता है और आप नहीं रखते ताे जब खाते में पैसा पहुंचेगा तो उस खाते से आटोमेटिक ही सिस्टम पैसा काट लेगा।
यह करें बहनें
जिनके खाते में न्यूनतम राशि रखने की बाधता है। वह हितग्राही दूसरा जीरो बैलेंस या जनधन योजना में खाता खुलवाएं। उस खाते को डीबीटी मतलब डायरेक्टर बेनिफिट ट्रांसफर कराएं और मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का लाभ लें।ऐसा करने पर उन्हें न्यूनतम बैलेंस भी नहीं रखना होगा और किसी तरह के पैसा भी नहीं कटेंगे।