स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा कार्यक्रम में शामिल हुये राज्यमंत्री और सांसद
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ प्रदेश के पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध-घुमक्कड़ जनजाति कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल एवं सांसद सतना गणेश सिंह सोमवार को मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के तहत सेवा पखवाड़ा अंतर्गत रामनगर में आयोजित स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा के जिला स्तरीय कार्यक्रम में शामिल हुये। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष रामखेलावन कोल, नगर परिषद महिला बाल विकास समिति की सभापति ऊषा वर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी सौरभ सिंह, जनपद सदस्य लक्ष्मण कोल, सरपंच हीरालाल, नरेन्द्र सिंह उइके, महेन्द्र वर्मा, मनीष चतुर्वेदी, उदयराज सिंह सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं आमजन उपस्थित रहे।
राज्यमंत्री श्री पटेल ने कहा के प्रदेश में मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान चलाकर वंचित लोगों को उनका अधिकार दिलाया जा रहा है। इसी श्रृंखला में प्रदेश के बच्चों का कुपोषण दूर कर उनको सुपोषित करने जिले की सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा कार्यक्रम आयोजित किया गया है। जिसके तहत बच्चों का पोषण स्तर सुधारने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा बच्चों के अभिभावकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। केन्द्र और राज्य सरकार बच्चों के कुपोषण को दूर करने जमीनी स्तर पर योजनायें चला रही है। सरकार की इन योजनाओं से बच्चों का पोषण स्तर सुधारने में मदद मिल रही है। राज्यमंत्री श्री पटेल ने कहा कि सरकार द्वारा प्रत्येक जिले के ब्लाक स्तरीय अस्पताल में बच्चों को पोषित करने के लिये पोषण पुनर्वास केन्द्र बनाये गये है। जहां बच्चों को रखकर उनके पोषण स्तर को सुधारा जाता है। राज्यमंत्री ने कहा कि बच्चों में मुख्य रुप से कुपोषण का कारण पौष्टिक आहार नहीं मिल पाना होता है। बच्चों के अभिभावक सुपोषण के लिये तय नियमों का पालन कर अपने बच्चों को कुपोषण से दूर रख सकते हैं। सरकार द्वारा बच्चों का पोषण स्तर सुधारने आंगनवाड़ी केन्द्रों में पौष्टिक आहार, फल एवं अन्य खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जाती है।
सांसद श्री सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि सरकार आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से बच्चों का कुपोषण दूर करने का अभियान चला रही है। मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के तहत आयोजित यह स्पर्धा बच्चों का कुपोषण दूर करने के दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है। सांसद श्री सिंह ने कहा कि बच्चों की जानकारियां आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज रहती है। आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से सरकार का प्रयास है कि गरीबी और अशिक्षा के अभाव में कोई भी बच्चा कुपोषित नहीं रहने पायें। उन्होने कहा कि बच्चों के पोषण स्तर को बरकरार रखने में माता-पिता की अहम भूमिका रहती है। बच्चों के अभिभावक पोषण स्तर को सुधारने खानपान पर विशेष ध्यान दें और बच्चों को स्वस्थ रखने उन्हें पौष्टिक आहार का सेवन करायें, मसालेदार चीजों से बनने वाला भोजन बच्चों को नहीं दें। इसके उनके पोषण स्तर में सुधार होगा। आज का यह स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा का कार्यक्रम कुपोषण के खिलाफ सरकार का एक प्रयास है। जब भी कोई स्पर्धा आयोजित होती है, तो सभी उसमें अपने प्रतिभागी से आगे निकलने का प्रयास करते हैं। इसलिये आंगनवाड़ी के अधिकारी और कार्यकर्ता अपने क्षेत्र को कुपोषण मुक्त रखने के लिये कुपोषण को एक चुनौती के रुप में लें और अपने क्षेत्र को कुपोषण मुक्त बनायें।
कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम अधिकारी सौरभ सिंह ने बताया कि नवजात बच्चों के लिये मां का दूध बेहद फायदेमंद होता है। इससे नवजात बच्चों को कुपोषण से लड़ने में मदद मिलती है और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। नवजात बच्चा 6 महीने तक ठोस आहार नहीं ले सकता है। वह अपने भोजन के लिये मां के दूध पर निर्भर रहता है। बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिये गर्भवती स्त्रियों को पर्याप्त पोषण आहार लेना चाहिये। कुपोषण एक गंभीर स्थिति है। कुपोषण तब होता है, जब किसी व्यक्ति के आहार में पोषक तत्वों की कमी होती है। कुपोषण के कारण बच्चों का व्यवहारिक और बौद्धिक विकास सही प्रकार से नहीं हो पाता है। कुपोषण को दूर करने स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करना चाहिये।