Pulses price hike after petrol diesel now the prices of pulses have started increasing: digi desk/BHN/रायपुर/आम आदमी पर महंगाई की दोहरी मार पड़ी है। पेटृोल डीजल के बाद अब दालों की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। राजधानी में बीते एक महीनों के हालातों पर गौर करें तो दालों की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वर्तमान में दालों की कीमतें 105 से 110 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुकी है, जो कि एक महीने पहले की स्थिति के मुकाबले 95 से 100 रुपये थी।
थोक और चिल्हर कारोबारियों के मुताबिक दालों की कीमतों में आने वाले दिनों में कमी की संभावना कम है। महाराष्ट्र से नई फसल की आवक शुरू हो गई है, लेकिन इसके बाद भी कीमतों से राहत नहीं मिली है। राजधानी में ज्यादातर दालों की आवक महाराष्ट्र से होती है। महाराष्ट्र से नई फसल की आवक फरवरी-मार्च महीने में शुरू हो चुकी है।
गोलबाजार थोक व्यापारी संघ के अध्यक्ष दिनेश साहू ने बताया कि दालों की कीमतों में राहत इस बार कम है। नई फसल के बाद भी कीमतों में लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। अब दिसंबर-जनवरी महीने में नई फसल की आवक के बाद राहत की उम्मीद जताई जा रही है। डूमरतराई थोक बाजार के कारोबारियों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में दालों का उत्पादन काफी कम है। ऐसे में छत्तीसगढ़ में दालों की मांग पूरा करने के लिए थोक कारोबारियों को महाराष्ट्र पर निर्भर रहना पड़ता है।
पिछले मार्च में कम थी कीमतें
पिछले साल दालों की कीमतें प्रति किलो 75 से लेकर 90 थी। इस साल नई फसल की बात भी कीमतों में तेजी से बाजार अस्थिर बना हुआ है। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक बीते वर्ष बेमौसम बारिश की वजह से भी दालों की फसलों को नुकसान हुआ, जिसके कारण इस साल उत्पादन कमा आंका गया है। गोल बाजार के चिल्हर कारोबारियों के मुताबिक कोरोना के हालत सामान्य होने के बाद व अनलॉक सीजन में मांग बढ़ी है, लेकिन उम्मीदों के अनुरूप आपूर्ति में बढ़ोतरी नहीं हो पा रही हैं।