रीवा, भास्कर हिंदी न्यूज़/ विश्वविद्यालय थाना अंतर्गत अजगरहा गांव स्थित नगर निगम में सीवर लाइन डालने वाली कंपनी के गोडाउन में शुक्रवार की दोपहर अचानक आग भड़क गई। पुलिस की मानें तो पाइपों में भड़की आग से गांव में अफरा-तफरी मच गई। ऐसे में ग्रामीणों ने पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। हालांकि चारों तरफ आग की लपटों के फैलने से पहले फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंच गए। कुछ देर बाद पुलिस ने दूसरा दमकल भी मदद के लिए बुलवा लिया। नतीजन डेढ़ घंटे में आग पर काबू पा लिया गया है। बताया गया है कि कंपनी के गोडाउन में कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं था। जिससे आग लगने के कारणों की स्पष्ट वजह नहीं सामने आ पाई है। फिलहाल पुलिस के आला अधिकारी कंपनी के जिम्मेदारों से बात कर यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि आखिर कितने का नुकसान हुआ है। हालांकि प्रबंधन 50 लाख रुपये के नुकसान की बात कर रहा है।
थाना प्रभारी निरीक्षक जेपी पटेल ने बताया कि शुक्रवार की दोपहर करीब 2 बजे अज्ञात कारणों से एक निजी कंपनी के गोडाउन में आग लग गई थी। जिसको ढाई घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद दोपहर तक काबू पा लिया गया था। बता दें कि रीवा नगर निगम क्षेत्र में बीते माह तक कंपनी सीवरेज पाइप लाइन का कार्य कर रही थी। लेकिन ज्यादा समय गुजर जाने के कारण कंपनी को ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया था।
एक्सटेंशन के लिए प्रयास थी कंपनी
सूत्र बताते है कि कंपनी के कार्य करने की सीमा खत्म हो गई है। ऐसे में जिम्मेदार एक्सटेंशन लेने के जुगाड़ में हैं। वहीं दूसरी तरफ कंपनी का शहर के बाहर अजगरहा गांव स्थित गोडाउन बना था। जहां वर्तमान समय में कोई जिम्मेदार नहीं रहता। सिर्फ चौकीदार रहते हैं। हादसे के समय भोजन कर रहे थे। जिससे आग लगने की कोई खास वजह नहीं पता चल पाई है।
नुकसान को लेकर संशय
आसपास के लोगों ने बताया कि 10 लाख रुपये के कीमत की पाइप आती थी। जिससे आगजनी में 5 लाख रुपये की कीमत का नुकसान बता रहे हैं जबकि प्रबंधन उक्त घटना में 50 लाख रुपये के नुकसान होने की बात कह रहा है।वहीं दूसरी तरफ आग लगाने की घटना पर संदेह व्यक्त कर रहे हैं जबकि प्रबंधन अब तक यह बताने में नाकाम साबित हो रहा है कि आखिरकार इतना स्टाक क्यों रखा गया था।
शार्ट सर्किट से आग लगने की संभावना
पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि आगजनी के समय कुछ चौकीदार अंदर टीन शेड में खाना खा रहे थे। जिन्होंने हादसे पर पूरी तरह से अनभिज्ञता जाहिर की है। जबकि पाइप खुले में सड़क के किनारे रखे थे। जहां पर काफी मात्रा में घास फूस था। ऐसे में उपर से निकली बिजली लाइन के कारण शार्ट सर्किट से आग लगने के कयास लगाए जा रहे हैं।