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MP: टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्कों से डीजल-पेट्रोल वाहन हटाए जाएंगे..!

Diesel petrol vehicles will be removed from tiger reserves and national parks of madhya pradesh this is the reason: digi desk/BHN/भोपाल/ ध्वनि और वायु प्रदूषण से वन्यप्राणियों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को देखते हुए राज्य सरकार प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व, नेशनल पार्कों से डीजल-पेट्रोल वाहन हटाने जा रही है। इन वाहनों का स्थान इलेक्ट्रिक वाहन लेंगे। नियमित गश्त और सफारी में भी इलेक्ट्रिक वाहन ही इस्तेमाल किए जाएंगे। पार्कों में सफारी कराने वाली समितियों से इस संबंध में प्रस्ताव मांगे गए हैं।

प्रयोग के तौर पर शुरूआत में कुछ पार्कों में यह वाहन चलाए जाएंगे। ताकि वन क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहन की क्षमता की जांच हो सके। इसके बाद अन्य पार्कों में भी इस व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा। इस योजना से सरकार स्थानीय लोगों को रोजगार भी देगी। उन्हें इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए न सिर्फ अनुदान, बल्कि बैंक से कर्ज दिलाने पर भी विचार किया जा रहा है।

प्रदेश में छह टाइगर रिजर्व और 11 नेशनल पार्क हैं। इनमें से अधिकांश में प्रतिदिन औसत डेढ़ सौ वाहन प्रवेश करते हैं। पर्यटकों को खासकर बाघ दिखाने की कोशिश में वाहन दौड़ाए जाते हैं, जिससे ध्वनि के साथ वायु प्रदूषण भी होता है, जो वन्यप्राणियों के मस्तिष्क पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालता है। जिससे उनके स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

सेंटर फार सेलुलर एंड मालिक्यूलर बायोलाजी (सीसीएमबी) हैदराबाद की रिपोर्ट में इसका खुलासा हो चुका है। यह रिपोर्ट वर्ष 2019 में आई थी और कान्हा-बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में यह अध्ययन किया गया था। इसी को ध्यान में रखकर पार्कों में इलेक्ट्रिक वाहन चलाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।

पर्यटन समितियों के प्रस्ताव के आधार पर वन विभाग अलग से प्रस्ताव तैयार करेगा, जो सरकार को भेजा जाएगा। स्थानीय लोगों को रोजगार भी देंगे इलेक्ट्रिक वाहन सरकार इस व्यवस्था से स्थानीय लोगों को जोड़ने जा रही है। ताकि उन्हें अपने गांव-क्षेत्र में ही रोजगार मिल जाए। सरकार इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए लोगों को प्रेरित करेगी। इसके लिए पर्यटन समितियों की मदद से उन्हें अनुदान दिया जाएगा।

इतना ही नहीं, बैंकों से कम ब्याज दर पर कर्ज दिलाने पर भी विचार चल रहा है। यह व्यवस्था स्थानीय स्तर पर पार्क प्रबंधन संभालेंगे। सोलर पैनल भी लगाए जाएंगे इलेक्ट्रिक वाहन रहेंगे, तो चार्जिंग की जरूरत भी पड़ेगी। इसलिए पहले चरण में पार्क के प्रवेश द्वार पर सोलर पैनल लगाकर चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इस अवधि में यह भी पता चल जाएगा कि इलेक्ट्रिक वाहन एक बार चार्जिंग पर जंगल में कितने किलोमीटर चल पाते हैं और कहा-कहां चार्जिंग स्टेशन बनाने की जरूरत है। उस हिसाब से आगे का प्रस्ताव तैयार होगा।

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