Makar Sankranti 2022: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ मकर संक्रांति हिंदुओं का सबसे पवित्र त्योहार है। हर साल ये पर्व 14 जनवरी को मनाया जाता है। मकर संक्रांति पर सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। 12 फरवरी को तक मकर राशि में गोचर करते रहेंगे। इसके बाद कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही खरमास समाप्त हो जाएगा। साथ ही विवाह आदि शुभ कार्य शुरू होंगे। सूर्य के मकर राशि में गोचर करने से सभी राशियों पर इसका प्रभाव पड़ेगा। आइए जानते हैं।
मेष- सूर्यदेव का गोचर मेष राशि के दशम भाव में होगा। कुंडली में स्थान करियर और प्रगति से संबंधित है। सूर्य के गोचर से करियर में कड़ी मेहनत का फल मिलेगा। इस दौरान सूर्य के शुभ फल प्राप्त करने के लिए सिर को ढक कर रखें। साथ ही काले और नीले रंग के कपड़े पहनने से बचें।
वृषभ-वृषभ राशि के जन्म कुंडली में नौवां स्थान भाग्य का स्थान है। इस स्थान पर सूर्य का गोचर भाग्य में वृद्धि करेगा। कार्यों में जितनी मेहनत करेंगे। उससे अधिक फल मिलेगा। धार्मिक कार्यों में भी आपकी रुचि बढ़ेगी। शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए घर में पीतल के बर्तनों का प्रयोग करें। साथ ही प्रतिदिन सूर्य देव को प्रणाम करें।
मिथुन-सूर्य देव मिथुन राशि के आठवें भाव में गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में इस स्थान का संबंध उम्र से है। इस स्थान पर सूर्य के गोचर से जीवन में वृद्धि होगी और स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। सूर्य का शुभ फल प्राप्त करने के लिए काली गाय की सेवा करें।
कर्क- कर्क राशि में सूर्य देव सप्तम भाव में गोचर करेंगे। जन्म कुण्डली में यह स्थान जीवन साथी का होता है। इस स्थान पर सूर्य के गोचर से जीवनसाथी के साथ संबंध मधुर होंगे। दाम्पत्य जीवन सुखमय रहेगा। शुभ फल प्राप्त करने के लिए किसी गरीब को भोजन कराना चाहिए।
सिंह- सूर्य देव छठे भाव में गोचर करेंगे। यह स्थान जन्म कुण्डली में मित्र का है। इस स्थान पर सूर्य के गोचर से मित्रों के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने के लिए आपको अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। किसी मित्र से वाद-विवाद भी हो सकता है। इस दौरान शत्रु पक्ष से दूर रहने की जरूरत है। सूर्य के अशुभ प्रभाव से बचने और अच्छे परिणाम सुनिश्चित करने के लिए अगले 30 दिनों के दौरान मंदिर में बाजरे का दान करें।
कन्या- कन्या राशि में सूर्य देव पंचम भाव में गोचर करेंगे। जन्म कुण्डली में यह स्थान विद्या, गुरु, विवेक, संतान और जीवन में रोमांस से संबंधित है। गोचर के दौरान अपने गुरु से अच्छी बातचीत करनी चाहिए। आपकी किसी भी बात को लेकर उन्हें बुरा लग सकता है। इसलिए कोई भी काम सोच-समझकर करें और अपना विवेक बनाए रखें। पढ़ाई में उचित परिणाम पाने के लिए आपको किसी की मदद लेनी पड़ सकती है। इस दौरान सूर्य के अशुभ प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए पक्षियों को भोजन कराएं।
तुला- सूर्य देव तुला राशि के चतुर्थ भाव में गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में स्थान का संबंध माता के सुख, भूमि-निर्माण और वाहन से है। सूर्य के इस गोचर से 12 फरवरी 2023 तक आपको अपने काम में घरवालों का पूरा सहयोग मिलेगा। जमीन और वाहन का सुख भी मिलने की उम्मीद है। शुभ फल पाने के लिए किसी जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराएं।
वृश्चिक-सूर्य देव वृश्चिक राशि के तीसरे भाव में गोचर करेंगे। कुंडली में यह स्थान भाई-बहन और आपकी अभिव्यक्ति से संबंधित है। सूर्य के इस गोचर के दौरान अपने भाइयों और बहनों से सहयोग नहीं मिलेगा। आपको उन्हें जीवन में अपने साथ रखने की कोशिश करनी होगी। शुभ फल पाने के लिए सूर्य मंत्र – ऊं सूर्याय नमः का जाप करें।
धनु- सूर्यद देव धनु राशि के दूसरे स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में इस स्थान का संबंध धन से है। धन वृद्धि के कई साधन प्राप्त होंगे। अचानक धन लाभ हो सकता है। आर्थिक स्थिति अच्छी बनी रहेगी। सूर्य के शुभ फल को सुनिश्चित करने के लिए मंदिर में नारियल का तेल या कच्चा नारियल दान करें।
मकर- सूर्य देव मकर राशि के प्रथम स्थान पर गोचर करेंगे। यह स्थान जन्म कुंडली में व्यक्ति का अपना स्थान होता है। सूर्य के गोचर से आपको प्रेम-संबंध मधुर होगा। समाज में आपकी प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। प्रतिदिन सुबह स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें।
कुंभ- सूर्य देव कुंभ राशि के बारहवें भाव में गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान यौन जीवन और व्यय से संबंधित है। अगली संक्रांति तक शुभ प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए धार्मिक कार्यों में अपना सहयोग दें।
मीन- सूर्य देव मीन राशि एकादश भाव में गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान आय और मनोकामना पूर्ति से संबंधित है। आय के नए स्रोत भी प्राप्त होंगे। सूर्य के शुभ फल को पाने के लिए मंदिर में मूली का दान करें।