World Politics: digi desk/BHN/फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन (Emmanuel Macron) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ टेलिफोन पर लंबी बातचीत की। इस दौरान हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग से लेकर अफगानिस्तान संकट जैसे कई मुद्दों पर चर्चा हुई। खास बात ये है कि ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका द्वारा ऑकस (AUKUS) ग्रुप बनाने के बाद मैक्रॉन ने पहली बार पीएम मोदी से बात की है। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन के साथ ही सबमरीन डील (Submarine Deal) पर भी बात हुई। दरअसल, ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस के साथ हुई मल्टी बिलियन डॉलर की पनडुब्बी डील को रद्द कर दिया। इसे लेकर फ्रांस का फी नाराज है, और इसे मित्र देश की पीठ में छुरा घोंपने जैसी घटना बता रहा है।
क्या है AUKUS ग्रुप?
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया ने अमेरिका और ब्रिटेन के साथ एक त्रिपक्षीय एशिया-प्रशांत सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए, लेकिन फ्रांस को इससे बाहर रखा।ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के बीच हुए इस सुरक्षा समझौते को AUKUS का नाम दिया गया है। इसके अंतर्गत ऑस्ट्रेलिया को न्यूक्लियर ऊर्जा से संचालित पनडुब्बियों (Nuclear-powered Submarines) की बिक्री की जाएगी। इससे पहले फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया के बीच डीजल पनडुब्बियों के निर्माण के लिए करीब 100 अरब डॉलर का सौदा हुआ था। नई AUKUS पहल की शर्तों के तहत ऑस्ट्रेलिया के लिए डीजल पनडुब्बियों के निर्माण का यह सौदा रद्द हो गया है। इस वजह से फ्रांस काफी नाराज है। भारत को इसका फायदा मिल सकता है, क्योंकि फ्रांस अब नये सहयोगियों की तलाश में है। ऐसे में पीएम नरेन्द्र मोदी से फ्रांसिसी राष्ट्रपति की बातचीत अहम मानी जा रही है। फ्रांस का सहयोग, विश्व राजनीति में भारत की स्थिति मजबूत कर सकता है।