Naming your child the hindu way: digi desk/BHN/ जन्म के बाद बच्चे के नाम पर सबकी नजर होती है कि बच्चे का नाम क्या रखा जाएगा। अगर आप नामकरण के अर्थ को समझें तो यह दो शब्दों से मिलकर बना है नाम और करण। आप सभी नाम का अर्थ तो जानते ही है पर संस्कृत में करण का अर्थ होता है बनाना या सृजन करना। हिंदु रीति में नामकरण का एक विशेष महत्व होता है। यहां हर नामकरण में नवजात के नाम रखने की प्रक्रिया को काफी संस्कार से किया जाता है। नाम रखने की इस प्रक्रिया को पूरी विधि के साथ पूरा किया जाता है। इस मौके पर परिवार सभी मुख्य सदस्य एकत्र होते हैं।
नामकरण संस्कार
कैसे करें नामकरण ?
नामकरण संस्कार में एक तरह की छोटी पूजा होती है, जिसमें बच्चे के माता-पिता बच्चे को गोद में लेकर बैठते हैं। इसके अलावा घर के बाकी रिश्तेदार भी इसमें शामिल होते हैं। पूजा करने के लिए पंडित बच्चे की राशि के अनुसार एक अक्षर बताते है। जिससे बच्चे के माता-पिता या अन्य सदस्यों को एक नाम रखना होता है। वैसे तो कई लोग बच्चे का घर का नाम और बाहर का नाम अलग-अलग रखते हैं। उसके बाद बच्चे के माता-पिता चुने गए नाम को बच्चे के कान में धीरे से बोलते हैं। इसी तरह नामकरण संस्कार की प्रक्रिया पूरी हो जाती है। उस दिन बच्चे का वही नाम हो जाता है और उस नाम से ही उस बच्चे की पहचान बनती है।
नाम का चुनाव
नाम रखना वैसे तो काफी आसान होता है लेकिन ये कई बार काफी मुश्किल भी हो जाता है। आपको अपने बच्चे के लिए ये सोचना पड़ता है कि बच्चे के लिए कौन सा नाम सही रहेगा या उस नाम का मतलब क्या रहेगा। इसके अलावा आप पर यह भी दबाव होता है कि बच्चे के बड़ा होने पर उसे अपना नाम पंसद आए कहीं ऐसा ना हो कि उसे अपना नाम बताने पर शर्म आए। आजकल लोग बच्चे के नाम के लिए इंटरनेट का सहारा लेते हैं। इसमें उन्हें जिस अक्षर से नाम चाहिए वो आसानी से अर्थ के साथ मिल जाता है।
ऐसे तलाशें नाम
- बच्चे का नाम चुनते वक्त यह ध्यान रखें कि नाम बुलाने में आसान हो जिससे लोग आसानी से बुला सकें।
- बच्चे का नाम सुनने में काफी अच्छा होना चाहिए और नाम रखने से पहले उसका अर्थ जरूर जान लें।
- बच्चों का नाम चुनते समय आप कोशिश करें नाम अलग सा हो, जिससे बच्चे के स्कूल में जाने पर उसके नाम के कई बच्चे ना हो। बच्चे का अलग सा नाम उसे भीड़ में अन्य बच्चों से अलग रखता है।