Central law minister said:digi desk/BHN/ केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच तकरार को लेकर गुरुवार केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने साफ कहा कि ट्विटर को भारत का कानून मानना होगा। कानून मंत्री ने कहा कि ट्विटर को सरकार ने कई मौके दिए उसे तीन महीने का समय भी दिया गया था। लेकिन उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने अमेरिका कैपिटल हिल का उदाहरण देते हुए कहा, “कैपिटल हिल्स के लिए अलग नीति और लाल किला के लिए अलग नीति नहीं चलेगी। लोकतंत्र में एक देश के तोर पर भारत को भी हक है कि वह अपनी डिजिटल संप्रभुता की रक्षा करे।”
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ये ठीक है कि उनका ऑफिस अमेरिका में रहे और वो पैसा भारत में कमाएं। भारतीय कंपनियां भी ऐसा करती हैं। लेकिन जो भी भारतीय कंपनियां दूसरे देशों में हैं और वो उन देशों के कानूनों को मानती हैं। उन्होंने कहा कि “गाइडलाइंस की धारा 7 में इस बात का प्रावधान है कि अगर आपने इस गाइडलाइंस को नहीं माना तो इसका परिणाम भुगतना होगा और आप पर भी देश के दूसरे कानूनों के तहत कार्रवाई होगी.”
उधर नए आईटी नियमों को लेकर केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच जारी टकराव के बीच संसद की इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी की स्थाई संसदीय समिति ने ट्विटर के अधिकारियों को 18 जून को पेश होने के लिए कहा है। इसमें डिजिटल स्पेस में नागरिकों के अधिकारों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के गलत इस्तेमाल के साथ महिलाओं की सुरक्षा पर चर्चा की जाएगी।