छतरपुर,भास्कर हिंदी न्यूज़/ शहर के वरिष्ठ डॉक्टर नीरज पाठक का संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। शहर के पॉश एरिया में शामिल लोकनाथपुरम स्थित डॉ. नीरज पाठक के निवास पर उनका शव पलंग पर पड़ा मिला। उनकी मौत की सूचना पत्नी ने सिविल लाइन थाना पुलिस को दी थी। नीरज पाठक के शरीर में चोट के निशान होने पर हत्या की आशंका व्यक्त की जा रही है। डॉ. पाठक और उनकी पत्नी के बीच करीब 11 साल से विवाद चल रहा है, लेकिन वे एक ही मकान में रहते हैं इस कारण प्रथम दृष्टया शक की सुई उन पर जा रही है। पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट और कोरोना जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रही है इसके बाद ही जांच को गति मिल पाएगी।
जिला अस्पताल में लंबे समय तक पदस्थ रहे हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज पाठक (64) का शव उनके लोकनाथपुरम स्थित आवास पर शनिवार की सुबह करीब 8 बजे सिविल लाइन पुलिस ने बरामद किया। सिविल लाइन थाना प्रभारी जगतपाल सिंह ने बताया कि डॉ. नीरज पाठक की पत्नी डॉ. ममता पाठक ने सिविल लाइन थाने में सूचना दी कि उनके पति का शव पलंग पर पड़ा है। मौके पर पहुंची पुलिस ने विवेचना शुरू की। डीएसपी शशांक जैन ने बताया कि डॉ. नीरज पाठक की मौत की खबर पुलिस को उनकी पत्नी डॉ. ममता पाठक ने दी है। डॉ. ममता पाठक ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि उनके पति की करीब चार-पांच दिन से तबियत खराब थी। वे स्वयं डॉक्टर होने के कारण घर में ही अपना इलाज कर रहे थे। मैंने उन्हें जांच कराने को कहा था लेकिन वे नहीं गए और अस्वस्थ अवस्था में अपने कमरे में पड़े रहे। डॉ. ममता पाठक ने बताया कि उनकी भी तबियत खराब है इस कारण वे अपनी जांच व इलाज कराने झांसी गईं थीं। दो दिन पहले जब वे झांसी गईं थीं तो उनके पति डॉ. नीरज पाठक घर में जिंदा अवस्था में थे।
मृतक डॉ. नीरज पाठक के गले, हाथ में चोट के निशान हैं। ऐसे में प्रथम दृष्टया हत्या का मामला लगता है। डीएसपी शशांक जैन ने बताया कि डॉ. नीरज पाठक के शव का पोस्टमार्टम हो चुका है। बिसरा रिपोर्ट का इंतजार है। इसके साथ ही कोरोना जांच भी कराई गई है। कोरोना जांच रिपोर्ट का भी इंतजार है। दोनों जांच रिपोर्ट के बाद ही तय हो सकेगा कि डॉ. नीरज पाठक की मौत कैसे हुई है।
11साल से चल रहा था विवाद
मृतक नीरज पाठक और उनकी पत्नी डॉ. ममता पाठक के बीच पिछले 11 साल से विवाद चल रहा था। डॉ. ममता पाठक सरकारी कॉलेज में समाजशास्त्र की प्रोफेसर हैं। इनके दो बेटे भी हैं। डॉ. नीरज पाठक और ममता पाठक के बीच विवाद किसी महिला को लेकर था। ममता पाठक को इस बात का शक था कि उनके पति से एक महिला से संबंध हैं। यह मामला दो बार पुलिस थाने भी पहुंच चुका है। ममता पाठक के साथ डॉ. नीरज पाठक द्वारा मारपीट करने पर ममता पाठक ने दो बार इनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पिछले कुछ दिनों से मामला शांत था। सितम्बर 2020 में ममता पाठक और उनका बड़ा बेटा भी डॉ. नीरज पाठक के साथ ही रहने लगा था।
सोशल मीडिया पर डाली पोस्ट से बढ़ी हत्या की आशंका
मृतक डॉ. नीरज पाठक की पत्नी डॉ. ममता पाठक ने 29 अप्रैल को सोशल मीडिया में एक पोस्ट डाली। इस पोस्ट में ममता पाठक ने लिखा कि मैं और मेरा बड़ा बेटा हमारे पति डॉ. नीरज पाठक से अलग रहने लगा था। वह जुलाई 2010 से अलग रह रहे थे। सितम्बर 2020 में डॉ. नीरज पाठक ने कहा कि उन्हें पार्किन्सन की बीमारी हो गई है और मुझे व बड़े बेटे को अपने घर ले आए। 20 अप्रैल 2021 को डॉ. पाठक ने हमारे खाने में कोई ऐसा पदार्थ मिला दिया कि मुझे व मेरे पुत्र को नाक, गले व पेट में सूजन, दर्द के साथ घाव हो गए हैं। बुखार आ रहा है। 25 अप्रैल को पाठक पुत्र से बोले कि तुम्हें कोरोना हो गया है। चलो जांच करवा दें। जबकि पिछले डेढ़ माह से पुत्र घर से बाहर नहीं निकला है। हम मास्क, फेसशील्ड लगा रहे हैं। 10 फीट की दूरी मेंटेंस करके सब काम करते हैं। ममता पाठक ने इस पोस्ट में आगे लिखा कि पाठक ने हम दोनों के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर गोपनीय तरीके से हमारे जीवन पर अनेक लाखों की दुर्घटना बीमा योजनाएं ले ली हैं। अब पाठक धन के एवज में घर के बगल में रहने वाले परिवार का इस्तेमाल कर हमारे विरुद्ध हरिजन एक्ट लगवाने की खतरनाक साजिश रची है। पाठक की वर्ष 2015 से एक धनाढ्य विधवा स्त्री से अतिघनिष्ठता है। 29 अप्रैल को डॉ. ममता पाठक द्वारा यह पोस्ट सोशल मीडिया पर डाली गई है। ऐसे में प्रथम दृष्टयतया डॉ. नीरज पाठक की हत्या की आशंका व्यक्त की जा रही है। वहीं इस मामले में डीएसपी शशांक जैन का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और कोरोना जांच रिपोर्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। डॉ. पाठक की मौत की सूचना पुलिस को उनकी पत्नी ने ही दी है। ऐसे में फिलहाल उनके संलिप्त होने का आरोप नहीं लगाया जा सकता है।