Coronavirus MP:digi desk/BHN/भोपाल/ ऑक्सीजन संकट से जूझ रहे मध्य प्रदेश के लिए राहत की बड़ी खबर है कि पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस (ट्रेन) छह टैंकरों में 63.78 टन ऑक्सीजन लेकर बोकारो (झारखंड) से रवाना हो चुकी है। लिक्विड ऑक्सीजन के दो टैंकर जबलपुर और चार भोपाल को मिलेंगे। यह ट्रेन देर रात जबलपुर पहुंचने का अनुमान है। बुधवार को दिन में ट्रेन भोपाल पहुंच जाएगी।
यह ट्रेन कोटशिला, झारसगुदा, बिलासपुर, नई कटनी, जबलपुर होते हुए भोपाल आएगी। इसके लिए भारतीय रेल ने ग्रीन कॉरिडोर का विशेष प्रबंध किया है। भोपाल रेल मंडल ने मंडीदीप में इन टैंकरों को उतारने का प्रबंध किया है। यह टैंकर खाली होने के बाद रेल मार्ग से ही लोडिंग (भरने) के लिए जाएंगे। प्रदेश में इन टैंकरों की अनलोडिंग शासन द्वारा जरूरत के अनुसार करवाई जाएगी। भोपाल रेल मंडल के प्रबंधक उदय बोरवणकर ने बताया कि इस ट्रेन के रूट पर नजर रखी जा रही है, ताकि जल्द सेे जल्द जरूरतमंदों तक ऑक्सीजन पहुंच सके।
ऑक्सीजन के लिए हर मोर्चे पर काम कर रही है सरकार : मुख्यमंत्री
ऑक्सीजन एक्सप्रेस का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए सरकार हर मोर्चे पर काम कर रही है। अब इसमें सफलता मिलने लगी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित केंद्र के अनेक मंत्रालयों से सहयोग मिलने पर आभार मानते हुए कहा कि भोपाल, ग्वालियर और इंदौर एयरपोर्ट से वायुसेना के विशेष विमानों से ऑक्सीजन टैंकर प्रतिदिन बोकारो और जामनगर भेजे जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार से 22 अप्रैल से 643 टन प्रतिदिन ऑक्सीजन आपूर्ति की स्वीकृति मिली है। रेल मंत्रालय के सहयोग से त्वरित रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित हो रही है। इसी प्रकार मध्य प्रदेश पशुधन विकास निगम के चार टैंकर ऑक्सीजन लाने के लिए अंगुल (ओडिशा) भी भेजे गए हैं, जिनमें 23 टन ऑक्सीजन आएगी। सोमवार को प्रदेश में 527.69 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई।
दो हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दो हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे गए हैं। 34 जिलों में एक हजार से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लगाए जा चुके हैं। कौंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च, भारत सरकार द्वारा अधिकृत संस्था के माध्यम से भोपाल, रीवा, इंदौर, ग्वालियर और शहडोल जिला चिकित्सालयों में नवीनतम वीपीएसए तकनीक आधारित ऑक्सीजन प्लांट एक करोड़ 60 लाख रुपये की लागत से लगाए जा रहे हैं। इनमें 300 से 400 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन बनेगी, जो लगभग 50 बिस्तरों के लिए पर्याप्त होगी। इस नवीनतम तकनीक से ऑक्सीजन प्लांट लगाने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है।
इसी प्रकार रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा आठ जिला अस्पताल में ऑनसाइट ऑक्सीजन गैस जनरेटर प्लांट विकसित किए गए हैं। पांच करोड़ 87 लाख रुपये से अधिक की लागत के इसी तकनीक पर आधारित 570 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाले जनरेटर प्लांट लगाए जा रहे हैं। पीएसए तकनीक आधारित आठ ऑक्सीजन प्लांट में से छह ने काम करना शुरू कर दिया है। 37 जिलों के लिए राज्य सरकार स्वयं के बजट से जिला अस्पतालों में पीएसए तकनीक से तैयार होने वाले नए ऑक्सीजन प्लांट लगा रही है। इसके अलावा थर्मल पॉवर स्टेशंस के माध्यम से खंडवा और सारणी में 7000 लीटर क्षमता वाले नए ऑक्सीजन प्लांट तीन सप्ताह में शुरू हो जाएंगे।
1058 बिस्तरों के लिए ऑक्सीजन पाइप लाइन का कार्य पूर्ण
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में बिस्तरों को ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों में परिवर्तित करने के लिए पाइप लाइन डालने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। जिला अस्पतालों के 2,302 बिस्तरों में से अब तक 1058 बिस्तरों के लिए ऑक्सीजन पाइप लाइन डालने का कार्य पूर्ण हो चुका है। प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के 4643 बिस्तरों में से अब तक 304 बिस्तरों के लिए ऑक्सीजन पाइप लाइन डाली जा चुकी है। ऑक्सीजन की उपलब्धता पर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है। निगरानी के लिए नियंत्रक खाद्य एवं औषधि को प्रभारी बनाया गया है।
ऑक्सीजन टैंकर गुना पहुंचा
पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने बताया है कि पशुपालन विभाग के चारों टैंकर में से एक ओडिशा के अंगुल स्थित रिफाइनरी से ऑक्सीजन लेकर गुना पहुंच गया है। शेष तीन छतरपुर, जबलपुर और सागर के लिए रवाना हो चुके हैं। मध्य प्रदेश शासन के अनुरोध पर ओडिशा ने टैंकरों की सुरक्षा के लिए पुलिस वाहन भी उपलब्ध कराए हैं। अन्य तीन टैंकरों में से एक 721 .47 लीटर ऑक्सीजन के साथ गुरुवार सुबह लगभग पांच बजे जबलपुर, दूसरा 3241.56 लीटर ऑक्सीजन के साथ प्रात: 11 बजे सागर और तीसरा 765.93 लीटर ऑक्सीजन के साथ दोपहर 12 बजे छतरपुर पहुंचने की संभावना है।