ढाका
पश्चिम बंगाल की राजधानी ढाका में हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी को लेकर बढ़ते विवाद के बीच बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल इस्लाम ने आश्वासन दिया है कि देश में हिंदू समुदाय सुरक्षित है और वहां अल्पसंख्यकों को कोई खतरा नहीं है। सीएनएन न्यूज-18 को दिए एक इंटरव्यू में इस्लाम ने स्पष्ट किया कि बांग्लादेश सरकार का इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (ISKCON) पर प्रतिबंध लगाने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा, "मैं मामले की सुनवाई के बारे में नहीं जानता, लेकिन ISKCON पर बांग्लादेश में प्रतिबंध नहीं लगेगा।"
यह बयान ऐसे समय में आया है जब पूर्व ISKCON पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तारी के बाद इस हिंदू संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग तेज हो गई है। बांग्लादेश हाईकोर्ट ने भी गुरुवार को ISKCON की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की याचिका को खारिज कर दिया।
हिंदू समुदाय सुरक्षित
हाल ही में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के बीच हिंसा की घटनाओं पर बोलते हुए इस्लाम ने कहा, "हिंदू समुदाय बांग्लादेश में सुरक्षित है। एक व्यवस्थित स्तर पर गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आकर जमीनी स्थिति देखें। शुरुआती कुछ दिनों में हिंसा हुई थी, लेकिन अब स्थिति नियंत्रण में है।" इस्लाम ने कहा कि चिन्मय कृष्ण दास को निष्पक्ष न्याय मिलेगा और सरकार इस दिशा में पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
भारत के बयान पर प्रतिक्रिया
भारत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए इस्लाम ने इसे आंतरिक मामला बताया और कहा कि नई दिल्ली को इस मामले पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, "भारत सरकार को बयान नहीं देना चाहिए था। यह हमारा आंतरिक मामला है। हम कभी भारत में होने वाली घटनाओं पर टिप्पणी नहीं करते।"
भारत ने मंगलवार को चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी की निंदा की थी और बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की थी। विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा, "हमें चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और उन्हें जमानत से इनकार किए जाने पर गहरी चिंता है।"
इस घटनाक्रम ने बांग्लादेश में धार्मिक और राजनैतिक तनाव को बढ़ा दिया है, लेकिन सरकार ने स्थिति पर कड़ा रुख अपनाते हुए आश्वासन दिया है कि सभी समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
बांग्लादेश में ढाका हाईकोर्ट के इस्कॉन पर बैन लगाने से इनकार करने के बाद कट्टरपंथी समूहों ने शुक्रवार को भारी हंगामा किया। जुम्मे की नमाज के बाद देशभर की मस्जिदों में लाखों मुसलमानों ने प्रदर्शन किया।
सबसे बड़े प्रदर्शन राजधानी ढाका और चटगांव में हुए। प्रदर्शनकारियों ने इस्कॉन को ‘हिंदू उग्रवादी संगठन’ और ‘कट्टरपंथी व राष्ट्र-विरोधी समूह’ बताते हुए इस संगठन पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की।
इन रैलियों में कट्टरपंथी संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम, खिलाफत मजलिस और इस्लामिक आंदोलन सहित कई धार्मिक-आधारित संगठनों और राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया।
हिफाजत ने कहा कि देश की पराजित ताकतें हिंदुओं का इस्तेमाल अराजकता फैलाने के लिए कर रही हैं। पिछले मंगलवार को चटगांव कोर्ट परिसर में जिस तरह से वकील सैफुल इस्लाम अलिफ की हत्या की गई, वह गृहयुद्ध भड़काने की कोशिश थी।
वहीं, चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई के लिए इस्कॉन ने कोलकाता में विरोध कीर्तन आयोजित किया। इस्कॉन ने घोषणा की है कि रविवार को दुनिया भर के सभी इस्कॉन मंदिरों में वैश्विक प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाएगा। इसमें बांग्लादेश में हिंदू भक्तों और धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए प्रार्थना की जाएगी।