कोलकाता
पश्चिम बंगल की राजधानी कोलकाता में सड़कें जाम रहीं। हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। हिंदू संगठनों ने बांग्लादेश में चल रहे संकट के खिलाफ प्रदर्शन किया, वहीं मुस्लिम संगठनों ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में प्रदर्शन किया। पश्चिम बंगाल स्टेट जमीयत-उल-उलमा की तरफ से विरोध में एक सभा आयोजित की गई। शहर के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग इस विरोध में शामिल हुए। उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ आवाज उठाई और साथ ही एक स्वतंत्र फिलिस्तीन राज्य की भी मांग की।
इस सभा को जमीयत-उल-उलमा पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष और राज्य के जन शिक्षा विस्तार व पुस्तकालय सेवा मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने संबोधित किया। उन्होंने कहा, "भारत का संविधान हर नागरिक को स्वतंत्रता प्रदान करता है। यदि कोई संविधान में छेड़छाड़ करने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ विरोध होगा। वक्फ संशोधन विधेयक के माध्यम से सरकार ने सीधे संविधान पर हमला किया है। यह मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को छीनने और वक्फ संपत्तियों को नष्ट करने की साजिश है।"
हिंदू संगठनों का प्रदर्शन
वहीं दूसरी ओर हिंदू संगठनों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे कथित अत्याचारों पर प्रदर्शन किया। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ा रुख अपनाने की मांग की।
कोलकाता में यातायात व्यवस्था चरमराई
इन दोनों बड़े प्रदर्शनों के चलते कोलकाता की यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। शहर के महत्वपूर्ण मार्गों पर जाम लगा रहा और लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
सरकार के खिलाफ बढ़ता विरोध
मुस्लिम संगठनों ने स्पष्ट किया है कि यदि वक्फ संशोधन विधेयक वापस नहीं लिया गया, तो राज्यभर में व्यापक प्रदर्शन किए जाएंगे। दूसरी ओर, हिंदू संगठनों ने भी बांग्लादेश के मामले पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। राजनीतिक हलकों में इन प्रदर्शनों को लेकर चर्चा तेज है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ बंगाल में विरोध की यह लहर और तेज हो सकती है।