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उद्यानिकी कृषकों के लिये शासन की सार्थक पहल

पर ड्रॉप-मोर क्रॉप के तहत ले सकते हैं योजना का लाभ

ड्रिप सिंचाई पद्धति के लिये 45 से 55 प्रतिशत तक शासन देगा अनुदान

सतना,भास्कर हिंदी न्यूज/ कृषकों के द्वारा उद्यानिकी फसलों में कम पानी की उपलब्धता एवं अधिक सिंचाई की आवश्यक संबंधित होने वाली कठिनाईयों को दूर करने के लिये प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के घटक पर ड्रॉप-मोर क्रॉप के तहत वर्ष 2020-21 में ड्रिप, पोर्टेबल स्प्रिंकलर एवं मिनी स्प्रिंकलर संयंत की स्थापना के लिये योजना संचालित है। परियोजना अधिकारी उद्यान ने बताया कि इस योजना के तहत कृषकों को सामग्रियों एवं संयंत्रों की लागत राशि में अनुदान राशि का निर्धारण किया गया है। जिसके अनुसार लघु एवं सीमांत कृषकों में सामान्य, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचति जाति वर्ग के लिये 55 प्रतिशत का अनुदान दिया जायेगा। इसके साथ ही सभी जाति वर्गों के बड़े कृषकों को 45 प्रतिशत के अनुदान की पात्रता निर्धारित की गई है।
इस योजना में लाभ लेने के लिये कृषक उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित पोर्टल पर आॅनलाईन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिये आधार कार्ड की मूल प्रति, पासपोर्ट साईज फोटो, भूमि का बी-1, बैंक पासबुक की छायाप्रति एवं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचचित जनजाति वर्ग के लिये हितग्राहियों के लिये जाति प्रमाण पत्र आवश्यक होगा। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिये संबंधित विकासखण्ड के प्रभारी अधिकारी से कृषक संपर्क कर सकते हैं।

ड्रिप स्प्रिंकलर, मिनी स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति से पानी की 70 से 80 प्रतिशत की बचत की जा सकती है। वहीं उत्पादन में भी 50 से 70 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होती है। इस पद्धति के उपयोग से उच्च गुणवत्ता युक्त उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। वहीं कम पानी में भी अधिक रकवा की सिंचाई की जा सकती है। खाद/उर्वरक तथा बिजली के खर्चें में 40 से 50 प्रतिशत की बचत होती है। ऊंची एवं नीची हर प्रकाश की भूमि के लिये इस पद्धति से सिंचाई उपयोगी होती है। जिससे कम से कम खरपतवार, फसल में कीट एवं रोग का अत्यन्त कम प्रभाव तथा श्रम, समय एवं पैसे की बचत किसान भाई इस सिंचाई पद्धति के उपयोग में कर सकते हैं।

किसानों के गेहूँ का एक-एक दाना खरीदा जाएगा- मुख्यमंत्री

अब तक 24 लाख 58 हजार किसानों ने कराया गेहूँ पंजीयन

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों के गेहूँ का एक-एक दाना खरीदा जाएगा। सभी जिलों में गेहूँ उपार्जन की सभी व्यवस्थाएँ अग्रिम रूप से सुनिश्चित की गई है। किसानों को कोई परेशानी न हो, इसके लिये व्यापक प्रबंध किये जाकर उपार्जन केंद्रों पर सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जायेंगी। समय पर किसानों की फसल का उपार्जन हो और उपार्जन के बाद भुगतान में विलंब न हो, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे लिए एक-एक किसान महत्वपूर्ण है। किसी भी किसान का भुगतान रुकना नहीं चाहिए। उपार्जित फसल के तुरंत परिवहन की भी व्यवस्था की जाये। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन की सभी व्यवस्थाएँ प्राथमिकता के आधार पर की जा रही है। इंदौर एवं उज्जैन संभाग में 22 मार्च से और शेष संभागों में एक अप्रैल से गेहूँ उपार्जन का कार्य शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गेहूँ उपार्जन के लिए किसानों का पंजीयन किया गया है। पंजीयन से कोई किसान चूके, नहीं इसके लिये पंजीयन की तिथि में दो बार वृद्धि भी की गई हैं।

4763 उपार्जन केन्द्रों पर होगी खरीदी

मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष कोरोना काल में किसानों की सुविधा के लिये उपार्जन केन्द्रों की संख्या बढ़ाई गई थी। इस बार 4763 केंद्र पर उपार्जन की व्यवस्था की गई है। सभी उपार्जन केन्द्रों पर किसानों के लिये माकूल व्यवस्थाएँ भी की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील की है कि वे निश्चिंत होकर अपना गेहूँ उपार्जन केन्द्रों पर लाए। सभी किसानों के गेहूँ का एक-एक दाना सरकार खरीदेगी। इस बार समर्थन मूल्य पर 125 लाख मीट्रिक टन गेहूँ उपार्जन का अनुमान है। अभी तक 24 लाख 58 हजार किसानों ने गेहूँ उपार्जन के लिए पंजीयन कराया है। इस बार गेहूँ का समर्थन मूल्य 1975 रुपए प्रति क्विंटल होगा। गत वर्ष यह 1925 रुपए प्रति क्विंटल था।

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