- किरेन रिजिजू ने लोकसभा में पेश किया विधेयक
- कांग्रेस ने संशोधन को संविधान के खिलाफ बताया
- सरकार को मिला जदयू का साथ, पढ़िए बयानबाजी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पेश कर दिया। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने बिल पेश किया, जिसका विपक्ष ने पुरजोर विरोध किया। किरण रिजिजू ने वक्फ बिल को विशेष कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव रखा है। इस पर स्पीकर ओम बिड़ली ने जल्द ही कमेटी गठित करने की बात कही है।
विभिन्न दलों के सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा लिया। फिर किरेन रिजिजू ने एक बार फिर विपक्ष के सवालों के जवाब दिए। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का विरोध किया। उन्होंने सदन में कहा, ‘यह बिल संविधान पर मौलिक हमला है। इस बिल के जरिए यह प्रावधान लाया जा रहा है कि गैर-मुस्लिम भी वक्फ गवर्निंग काउंसिल के सदस्य होंगे। यह धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। आगे आप ईसाइयों के खिलाफ जाएंगे, फिर जैनों के खिलाफ। भारत के लोग अब इस तरह की विभाजनकारी राजनीति को स्वीकार नहीं करेंगे।’
- समर्थन में: भाजपा, जदयू, टीडीपी, शिवसेना (शिंदे)
- विरोध में: कांग्रेस, सपा, डीएमके, एआईएमआईएम, नेशनल कॉन्फ्रेंस, वाईएसआर कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव)
क्या बोले AIMIM प्रमुख ओसदुद्दीन ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। यह विधेयक भेदभावपूर्ण और मनमाना है। इसे लाकर केंद्र सरकार देश को तोड़ने का काम कर रही है। यह बिल इस बात का सबूत है कि आप मुसलमानों के दुश्मन हैं।’इससे पहले कांग्रेस ने संशोधन विधेयक का विरोध करने का फैसला किया है। कांग्रेस ने सरकार से यह गारंटी मांगी है कि बिल पास होने के बाद वक्फ बोर्ड की जमीनें बेची नहीं जाएंगी। इसी तरह समाजवार्टी भी विरोध करेगी। आरोप है कि सरकार वक्फ बोर्डों की संपत्ति हड़पने के लिए ऐसा कर रही है।शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है कि बिल पहले सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाना चाहिए। साथ ही सरकार में सहयोगी जदयू और टीडीपी को इस पर अपना रुख साफ करना चाहिए।
एक्स पर अखिलेश यादव का पोस्ट
वहीं, भाजपा का कहना है कि वक्फ बोर्ड कानून में कई विसंगतियां हैं। जिनकी संपत्ति ली जा रही है, उनको उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है। इसको लेकर कई शिकायतें मिली हैं। यही कारण है कि सरकार संशोधन करने जा रही है।
संसद के बाहर गूंजा ‘प्याज के दाम कम करो’
संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी सांसदों ने प्याज के दामों को लेकर विरोध किया। विरोध जताने के लिए सांसदों ने प्याज की माला पहनी और ‘प्याज का दाम कम करो…’ का नारा लगाया।