अगले तीन हफ्ते में राजस्व प्रकरणों का निराकरण तेजी से करें, राजस्व अधिकारियों की बैठक संपन्न
सतना,भास्कर हिंदी न्यूज/ कलेक्टर अजय कटेसरिया ने पुन: राजस्व अधिकारियों को स्पष्ट किया है कि सजरे से भिन्न वसीयत के नामांतरण राजस्व न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। यह सिविल कोर्ट का विषय है। वैसे भी पैतृक भूमि में किसी भी व्यक्ति को वसीयत का अधिकार ही नहीं है। वसीयत केवल स्व-अर्जित भूमि अथवा संपत्तियों में ही की जा सकती है। इस प्रकार यदि किसी राजस्व न्यायालय में सजरे से भिन्न अथवा अनियमानुकूल वसीयत नामांतरण के प्रकरण चल रहे हों तो उन्हें त्वरित निराकरण के रूप में खारिज किए जाएं। शनिवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए हैं। इस मौके पर अपर कलेक्टर सुश्री विमलेश सिंह, एसडीएम दिव्यांक सिंह, धीरेंद्र सिंह, राजेश शाही, सुरेश अग्रवाल, संस्कृति शर्मा, केके पाण्डेय, संयुक्त कलेक्टर साधना परस्ते, एचके धुर्वे, तहसीलदार और नायब तहसीलदार उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री कटेसरिया ने राजस्व न्यायालयवार आरसीएमएस पोर्टल पर दर्ज नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, आरबीसी 6-4, डायवर्सन और लोक सेवा के राजस्व प्रकरणों की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि अगले माह अप्रैल में कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में राजस्व विभाग का विस्तृत एवं महत्वपूर्ण एजेंडा शामिल किया गया है। सभी राजस्व न्यायालयों में राजस्व प्रकरणों के निराकरण में अगले तीन हफ्तों में तेजी लाकर न्यूनतम संख्या पर लाएं। उन्होंने कहा कि न्यायालयों में रीडर के पास लंबित प्रकरणों को एसडीएम, तहसीलदार स्वयं देखें। जिन प्रकरणों में पुराने आदेश शेष हैं, उनमें आदेश जारी कर निराकृत करें। इसी प्रकार जिन प्रकरणों के निराकरण में पटवारी की रिपोर्ट आनी है, उनमें पटवारियों से रिपोर्ट प्राप्त कर प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाएं।
कलेक्टर ने कहा कि अविवादित नामांतरण, बंटवारा के 15 दिन से अधिक सीमा के एक भी प्रकरण लंबित नहीं होने चाहिए। पटवारी की रिपोर्ट के अभाव में प्रकरण लंबित पाया जाएगा, तो पटवारी के विरुद्ध निलंबन की कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि त्वरित निराकरण के लिए सभी तहसीलदार अपने हांथ से आर्डर लिखकर नोटशीट अपलोड कर सकते हैं। लंबित राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए वसीयत नामांतरण के नियम प्रतिकूल सभी प्रकरण खारिज किए जा सकते हैं। सीमांकन के लंबित प्रकरणों की समीक्षा में कलेक्टर ने कहा कि लंबित प्रकरणों में पूर्व में सीमांकन हो चुके प्रकरण, डबल सीमांकन प्रकरण और नक्शा-विहीन गांवों तथा तरमीम विहीन नक्शे के प्राप्त सीमांकन प्रकरणों को अलग-अलग कर सीमांकन हो सकने वाले प्रकरणों में सीमांकन की कार्यवाही पूर्ण कराएं अन्यथा सीमांकन योग्य प्रकरणों के नहीं होने पर उन्हें खारिज कराएं।
कलेक्टर ने कहा कि राजस्व में सबसे महत्वपूर्ण सीमांकन, बटवारा और नामांतरण के प्रकरणों का निराकरण होता है। जिले में 3707 सीमांकन के प्रकरण लंबित हैं। लंबित प्रकरणों की प्रकृति की जांचकर निराकृत करें और इन्हें एक माह के भीतर 1700 पर लाएं। फसल हानि के प्रकरणों में शत-प्रतिशत निराकरण हो चुका है। फसल हानि में आर्थिक सहायता, पशु-पक्षी हानि, नष्ट हुए मकान के लिए आर्थिक सहायता और प्राकृतिक आपदा में जनहानि के आर्थिक सहायता के शेष सभी प्रकरण एक सप्ताह में निराकृत करें। आरसीएमएस कोर्ट में रीडर के पास लंबित राजस्व प्रकरणों की समीक्षा करें और मल्टीपल एवं रिपीट हो गए प्रकरणों की संख्या डिलीट करें।
कलेक्टर श्री कटेसरिया ने लोक सेवा के समय बाह्य प्रकरण को प्राथमिकता से निराकरण कर शून्य पर लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राजस्व प्रकरणों में पटवारी की रिपोर्ट सभी की आनी चाहिए। राजस्व प्रकरणों के निराकरण की स्थिति आरसीएमएस पोर्टल में तुरंत फीड कराएं। आरसीएमएस में रीडर लेबल के सभी प्रकरण अपलोड किए जाएं। डबल, ट्रिपल दर्ज हो गए प्रकरण डिलीट कर निराकृत कराएं।
5 पटवारियों को निलंबन और 15 को चेतावनी पत्र जारी करें
राजस्व अधिकारियों की बैठक में कलेक्टर अजय कटेसरिया ने तहसीलवार मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में किसानों के सत्यापन कार्य की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान रघुराजनगर के एक, अमरपाटन और मझगवां तहसील क्षेत्र के अति-खराब परफार्मेंस वाले 2-2 पटवारियों को निलंबित करने तथा खराब परफार्मेंस वाले 15 पटवारियों को चेतावनी पत्र जारी करने के निर्देश अधीक्षक भू-अभिलेख को दिए। कलेक्टर ने अधीक्षक भू-अभिलेख को निर्देशित किया कि राजस्व कार्यो में तेजी लाने 4-4 तहसीलों के पटवारियों के दो व्हाट्सएप ग्रुप बनाएं। उन्होंने कहा कि सभी राजस्व प्रकरणों में पटवारियों की वांछित रिपोर्ट समय पर आ जानी चाहिए। कलेक्टर ने कहा कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाएं। प्रगति की समीक्षा प्रत्येक सप्ताह शनिवार को की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगली राजस्व अधिकारियों की बैठक 3 अप्रैल को आयोजित कर पुन: राजस्व प्रकरणों की समीक्षा होगी।