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World: जिस राइफल से ट्रंप पर हमला हुआ वो वीडियो गेम से हुई थी चर्चित, अमेरिका के 9 राज्यों में प्रतिबंधित

World donald trump shooting ar-15 style rifle features and history news in hindi: digi desk/BHN/वाशिंगटन/ सुरक्षा अधिकारियों ने घटनास्थल से ‘एआर 15-स्टाइल’ हथियार बरामद किया है। एआर-स्टाइल अमेरिका के सबसे चर्चित और कुख्यात हथियारों में से एक है। कहा जाता है कि वीडियो गेम के आने से यह राइफल अमेरिका में चर्चित हुई। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले की घटना ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है।  ट्रंप पर जब हमला हुआ तब वो एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। हमले में ट्रंप बाल-बाल बच गए। इस घटना को जिसने अंजाम दिया उसकी पहचान 20 वर्षीय थॉमस मैथ्यू क्रुक्स के रूप में हुई है। हमलावर को गोलीबारी के तुरंत बाद ही सुरक्षा बलों ने मार गिराया।

सुरक्षा बलों ने वारदात में इस्तेमाल हथियार ‘एआर 15-स्टाइल’ को भी बरामद कर लिया है। यह एक राइफल है जिसकी गिनती अमेरिका के सबसे कुख्यात हथियारों में होती है। आइये जानते हैं कि ट्रंप के साथ क्या हुआ? रिपब्लिकन नेता पर हमले में इस्तेमाल हथियार कौन सा है? एआर-स्टाइल राइफल पहले कब-कब इस्तेमाल की गई?

पहले जानते हैं कि ट्रंप के साथ क्या हुआ? 
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर शनिवार को जानलेवा हमला हुआ। उन पर कुछ ऊंचाई से एक हमलावर ने गोलीबारी की। हालांकि, ट्रंप को कान पर चोट आई और वो बाल-बाल बच गए। फिलहाल पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप खतरे से बाहर हैं। इस बीच मामले की जांच कर रहे अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने हमलावर की पहचान 20 वर्षीय युवक थॉमस मैथ्यू के रूप में की है। उसे गोलीबारी के तुरंत बाद ही एक स्नाइपर ने मार गिराया। 

दरअसल, हमलावर थॉमस मैथ्यू ने गोलीबारी के लिए सभास्थल से कुछ ही दूर एक उत्पादन प्लांट को चुना था। उसने खुद को बटलर ग्राउंड में ट्रंप के संबोधन वाले स्टेज से 130 कदम दूर पोजिशन किया था। मैथ्यू के गोलीबारी करने के तुरंत बाद ही सीक्रेट सर्विस के स्नाइपर ने उसे गोली मार दी। बाद में जांच के दौरान हमले वाली जगह से एआर 15-स्टाइल राइफल भी बरामद की गई। 

रिपब्लिकन नेता पर हमले में इस्तेमाल हथियार कौन सा है?
सुरक्षा अधिकारियों ने शनिवार को घटनास्थल से जो हथियार ‘एआर 15-स्टाइल’ बरामद किया है वो एक अर्ध-स्वचालित राइफल है। एआर-स्टाइल अमेरिका के सबसे चर्चित और कुख्यात हथियारों में से एक है। राष्ट्रीय राइफल एसोसिएशन द्वारा एआर-15 राइफल को ‘अमेरिका की राइफल’ कहा गया है। यह पूरी तरह से स्वचालित सैन्य लड़ाकू एम-16 राइफल से मिलती-जुलती है। इसे विकसित करने वाली कंपनी का नाम आर्मलाइट है। 

कहा जाता है कि एआर 15 स्टाइल की राइफलें अमेरिकी बाजारों में अक्सर आसानी से खरीदी जा सकती हैं। इसके साथ ही राइफल के साथ इस्तेमाल होने वाले दूसरे उपकरण भी सहज होते हैं जिसके कारण अप्रशिक्षित निशानेबाज भी घातक हमलावर हो सकते हैं।

एआर 15 स्टाइल की राइफलें हल्की, सटीक और कम रेंज वाली होती हैं। इस राइफल को भारी और हल्की गोलियां, जैसे .22-कैलिबर और .308-कैलिबर दागने के लिए बनाया जा सकता है। हालांकि, यह आमतौर पर 5.56 मिलीमीटर की गोली दागती है और इसकी रेंज 500 से 800 गज के बीच होती है।

अमेरिका में एआर 15 राइफल का इस्तेमाल कब से हो रहा है?
2004 में आम लोगों के उपयोग के लिए कुछ अर्ध-स्वचालित हथियारों के निर्माण पर प्रतिबंध खत्म किया गया था। इस पाबंदी के खत्म होने के बाद AR-15 अमेरिका के बंदूक बाजार में आई। कहा जाता है कि वीडियो गेम के आने से यह राइफल अमेरिका में चर्चित हो गई। 

इसे सेना की M16 राइफल का पहला नागरिक संस्करण कहा जाता है। M16 राइफल 1960 के दशक में पहली बार बाजार में आई थी। इसमें एक पेटेंट गैस ऑपरेटिंग सिस्टम था जिससे तेजी से फायर करने और फिर से लोड करने में मदद मिलती थी। यह हथियार आसानी से 20 राउंड की मैगजीन को संभाल सकता था, इसे अलग करना आसान था।

…तो क्या अमेरिका में इस राइफल का इस्तेमाल हर जगह होता है?
अमेरिका में AR-15 स्टाइल की राइफलों और अन्य अर्धस्वचालित हथियारों की बिक्री और रखने पर नौ राज्यों में प्रतिबंध है। ये राज्य हैं वाशिंगटन, कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क, कनेक्टिकट, न्यू जर्सी, मैसाचुसेट्स, मैरीलैंड, इलिनोइस और डेलावेयर।

पहले किन हमलों में इस हथियार का इस्तेमाल हुआ?
एआर-15 का उपयोग अमेरिका में हाल ही में हुई कई सामूहिक गोलीबारी में किया गया है। इनमें अक्तूबर 2017 में लास वेगास हमला शामिल है, जिसमें 60 लोग मारे गए थे और नवंबर 2022 में कोलोराडो स्प्रिंग्स हमला जिसमें पांच लोग मारे गए थे।

पेंसिलवेनिया राज्य के बटलर में एक रैली में ट्रंप पर जानलेवा हमले के बाद अमेरिकी में इस हथियार के इस्तेमाल पर सवाल उठना लाजमी है। अमेरिकी मीडिया के अनुसार, शूटर के शव के पास से बरामद की गई राइफल उसके पिता ने कानूनी तौर पर खरीदी थी।

इस हथियार के इस्तेमाल पर क्या सवाल उठ रहे हैं?
बंदूक निर्माता समूह लंबे समय से यह तर्क देते रहे हैं कि इस राइफल का आम लोगों के हाथों में कोई स्थान नहीं है। बंदूक विनियमन के लिए काम करने वाले लिंडसे निकोल्स कहते हैं कि यह युद्ध का एक हथियार है जो वास्तव में केवल युद्ध क्षेत्र में सैनिकों के लिए उपयुक्त है।’ गिफर्ड्स लॉ सेंटर के नीति निदेशक निकोल्स कहते हैं कि कई लोगों को जल्दी से मारने की इसकी क्षमता ही वह कारण है जिसके कारण हम इसे प्रतिबंधित करना चाहते हैं। लेकिन कई लोगों ने इस हथियार को हथियार रखने के अधिकार के रूप में अपना लिया है।

जानकारों का कहना है कि जिस पेंसिल्वेनिया राज्य में ट्रंप पर हमला हुआ है वहां बिक्री केंद्र पर बंदूक खरीदने वालों की पृष्ठभूमि की जांच आवश्यक है। यहां 2,500 से अधिक संघीय लाइसेंसधारी हथियार विक्रेता हैं। राज्य आम तौर पर बिना परमिट के खुलेआम हथियार ले जाने की अनुमति देता है। 

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