शहडोल,भास्कर हिंदी न्यूज़/ उप पंजीयक कार्यालय सोहागपुर द्वारा करोड़ों रुपए की जमीन के फर्जीवाड़ा किए जाने का मामला सामने आया है, जिसमें न्यायालय के स्थगन के बाद भी पंजियक कार्यालय सोहागपुर द्वारा मिली भगत करते हुए जमीन की रजिस्ट्री कर दी गई। मामले के संबंध में बताया गया है कि स्वर्गीय सुधाकर मिश्रा ने स्व. गंगा प्रसाद मिश्रा से सोहागपुर स्थित खसरा नंबर 300 की रकबा 2 एकड़ 14 डिसमिल जमीन 8 मई 1974 में सुधाकर मिश्रा ने खरीदी कर रजिस्ट्री कराया और जमीन का नामांतरण नहीं कराया इसके बाद इसी जमीन को स्व. गंगा प्रसाद मिश्रा ने 11 साल बाद बिन्दूराम उर्फ बिनोद कुमार तिवारी पिता लक्खूराम तिवारी को बिक्री कर दिया। इसके बाद जब मामले की जानकारी सुधाकर मिश्रा के पुत्र प्रदीप कुमार मिश्रा को लगी तब उन्होंने न्यायालय की शरण ली और मामले में त्रितीय न्यायाधीश वर्ग दो शहडोल ने 9 अक्टूबर 2018 को स्थगन देते हुए अग्रिम फैसले तक जमीन की बिक्री और खरीदी पर रोक लगा दी।
पंजीयक कार्यालय का कारनामा उजागर, करोड़ों रुपये की बेशकीमती जमीन की कर दी रजिस्ट्री
इसके बाद प्रदीप मिश्रा ने मामले की जानकारी और न्यायालय के स्थगन की आदेश की कापी 5 दिसंबर 2018 को उप पंजीयक कार्यालय में आपत्ति लगाते हुए दर्ज कराई जिससे जमीन की बिक्री और खरीदी नहीं की जा सके, लेकिन इस दौरान बिन्दूराम तिवारी ने तथ्यों को छिपाते हुए कलेक्टर से जमीन की बिक्री की अनुमति लेकर पूजा साहू पति बिहारीलाल साहू, हरेकष्ण द्विवेदी पिता राकेश द्विवेदी, अर्चना सिंह बधेल पति बनबीर सिंह बघेल के नाम जमीन का अनुबंध और बिक्री कर दिया।
मामले में स्थगन होने के बाद भी इस मामले में बिन्दू तिवारी ने अपने पुत्र के नाम पावर आफ एटार्नी भी करा दिया और बेसकीमती जमीन की बिक्री कर दिया। इस मामले को लेकर अब अधिकारियों के अलावा जमीन खरीदी करने वाले क्रेता भी पशोपेश में हैं। मामले को लेक र प्रदीप मिश्रा ने 4 मार्च को कलेक्टर और उप पंजीयक कार्यालय सोहागपुर और तहसीलदार सोहागपुर के यहां नामांतरण और जमीन बिक्री की अनुमति निरस्त करने का आवेदन प्रस्तुत किया है। बताया गया है कि इस मामले में कलेक्टर कार्यालय और तहसील सहित पंजियक कार्यालय के कर्मचारियों और अधिकारियों की मिली भगत सामने आ रही है, जिससे हडकंप की स्थिति भू माफियाओं और अधिकारियों में मची हुई है।