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Vastu Dosh tips: घर में वास्तु दोष, भगवान गणेश करेंगे दूर, जानिए कैसे

 God ganesh ji remove vastu defect:digi desk/BHN/प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश को सुख, शांति और समृद्धि के दाता हैं और इसलिए किसी भी शुभ काम को करने से भगवान गणेश की पूजा की जाती है। उनकी पूजा मात्र से ये सारे काम निर्विघ्न रूप से सम्पन्न होते हैं। माना जाता है कि गणेशजी की आराधना के बिना वास्तु देवता की संतुष्टि नहीं होती है। इसलिए माना जाता है कि गणपति की आराधना से व्यक्ति हर वास्तु दोष को दूर कर सकता है।

वैसे तो भगवान श्री गणेश की नियमित पूजा से ही वास्तु दोष की संभावना कम हो जाती है। लेकिन फिर भी यदि घर, दुकान या कार्य स्थल के वास्तु दोष दूर करना हो तो भी गणेशजी की आराधना की जाती है। उनकी प्रतिमा, चित्र से भी वास्तु दोष दूर किए जा सकते हैं।

दरअसल वास्तु दोषों का निवारण भगवान गणपति जी की पूजा से होता है। वास्तु पुरुष की प्रार्थना पर ब्रह्माजी ने मानव कल्याण के लिए वास्तुशास्त्र के नियमों की रचना की थी। इनकी अनदेखी करने पर गृहकलेश की स्थिति बनती है और घर के सदस्यों को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हानि उठानी पड़ती है। इसलिए वास्तु दोष निवारण के लिए भगवान गणेश को पूजा जाता है। गृह निर्माण में वास्तु का काफी ध्यान दिया जाता है, लेकिन फिर भी अगर कोई दोष होता है तो घर में बिना तोड़-फोड़ और निर्माण तोड़े गणेश जी की कृपा से उसे दूर किया जा सकता है। आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह से गणेश जी की आराधना करने पर वास्तु दोष दूर होते हैं।
  • – यदि घर के मुख्य द्वार पर एकदंत की प्रतिमा या चित्र लगाया गया हो तो वास्तु के अनुसार उसके दूसरी तरफ ठीक उसी जगह पर गणेश की प्रतिमा या चित्र लगाए। दोनों गणेशजी की पीठ मिलने पर वास्तु दोष दूर होता है और घर के लोगों की उन्नति होती है।
  • – आम, पीपल और नीम से बनी श्रीगणेश की मूर्ति घर के मुख्य दरवाजे पर लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है
  • – घर में बैठे हुए गणेशजी तथा कार्यस्थल पर खड़े गणेशजी का चित्र लगाना चाहिए। किंतु यह ध्यान रखें कि खड़े गणेशजी के दोनों पैर जमीन का स्पर्श करते हुए हों इससे कार्य में स्थिरता आने की संभावना रहती है।
  • – घर के जिस हिस्से में वास्तु दोष है उस स्थान पर घी में सिंदूर मिलाकर उससे स्वस्तिक दीवार पर बनाने से वास्तु दोष कम होता है।
  • – घर में पूजा के लिए भगवान श्रीगणेश की शयन या बैठी हुई मुद्रा में मूर्ति शुभ मानी जाती है।
  • – भवन के ब्रह्म स्थान अर्थात केंद्र में ईशान कोण एवं पूर्व दिशा में भगवान गणेश की मूर्ति अथवा चि‍त्र लगाना शुभ होता है।
  • – घर या कार्यस्थल के किसी भी हिस्से में भगवान गणेश की प्रतिमा अथवा चित्र लगाए जा सकते हैं। किंतु उनका मुंह दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए।
  • – घर में सुख, शांति, समृद्धि के लिए सफेद रंग की गणेश मूर्ति या चित्र लगाएं।
  • – विघ्नहर्ता की प्रतिमा या चित्र में उनकी सूंड उनके बाएं हाथ की ओर घुमी हुई हो। बता दें कि दाएं हाथ की ओर घुमी हुई सूंड वाले गणेशजी हठी होते हैं तथा उनकी साधना-आराधना कठिन होती है। वे देर से भक्तों पर प्रसन्न होते हैं।
  • – घर में भगवान श्रीगणेश की ज्यादा मूर्तियां या तस्वीरें भी नहीं होनी चाहिए।
  • – टॉयलेट, कचरे वाले स्थान या अन्य ऐसे स्थान पर गणेशजी का चित्र नहीं लगाना चाहिए।
  • – भगवान गणेश को मोदक एवं उनका वाहन मूषक अतिप्रिय है, ऐसे में उनकी प्रतिमा या चित्र लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि उनमें मोदक या लड्डू और मूषक अवश्य हो।

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