- अब तक 1800 से ज्यादा पुरावशेष मिले
- ASI की टीम ने उत्तरी भाग में सर्वे किया
- 30 मूर्तियां में अधिकांश खंडित मूर्तियां हैं
Madhya pradesh dhar dhar bhojshala survey 5 more stone remains found in bhojshala 90 days of asi survey completed: digi desk/BHN/धार/ मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक भोजशाला में मंगलवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम ने उत्तरी भाग में सर्वे किया। इसमें पांच पाषाण अवशेष मिले हैं, जो स्तंभों और दीवार के टुकड़े हैं। सर्वे के 19 जून को 90 दिन पूरे हो रहे हैं। इन 3 माह में छोटे-बड़े मिलाकर करीब 1800 अवशेष मिल चुके हैं। इनमें लगभग 550 बड़े आकार के हैं, जबकि 30 मूर्तियां मिली है। इनमें अधिकांश खंडित मूर्तियां हैं।
भोजशाला मुक्ति यज्ञ के संयोजक गोपाल शर्मा और याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने बताया कि गर्भगृह में उत्तर पूर्वी कोने में मिट्टी हटाने के दौरान मिले 5 पाषाण अवशेष स्तंभ और दीवार के टुकड़े हैं। इन सभी पर प्रतीक चिह्न बने हैं, लेकिन स्पष्ट नहीं हो पा रहे हैं। इसके लिए इनकी सफाई कराई जाएगी। दूसरी ओर गर्भगृह के कमरे से मिले पुराने अवशेषों की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी की गई है।
22 मार्च से हो रहा सर्वे
उल्लेखनीय है कि सर्वे 22 मार्च से किया जा रहा है। एक भी दिन सर्वे बंद नहीं किया गया है। यह 27 जून तक किया जाएगा। हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में मामले की सुनवाई 4 जुलाई को होनी है। उससे पहले ASI को सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है, इसलिए फिलहाल दस्तावेजीकरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है। दूसरी ओर, मंगलवार को भोजशाला में हिंदू समाज ने हनुमान चालीसा का पाठ किया।
दर्शन-पूजन के लिए राजा भोज कल्याण जन कल्याण सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेंद्र सिंह पंवार भी पहुंचे थे। उन्होंने 12 वर्षों के शोध के बाद परमार-पंवार राजवंश पर एक पुस्तक भी लिखी है। पंवार ने कहा कि राजा भोज के काल में भोजशाला की संस्कृत महाविद्यालय के रूप में प्रसिद्धि थी।