जबलपुर। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी अभिकल्पन एवं विनिर्माण संस्थान (ट्रिपलआइटीडीएम) में समाज के लिए उपयोगी उपकरणों को बनाने की जिम्मेदारी विद्यार्थियों को दी गई है। विस्तृत कार्ययोजना (प्रोजेक्ट) सफल हुए तो कोरोना जैसी संक्रमण फैलाने वाली बीमारी में मरीजों की देखभाल का काम विद्यार्थियों के द्वारा बनाया गया रोबोट संभालेगा।
संस्थान के भावी इंजीनियर को 60 प्रोजेक्ट बनाने की जिम्मेदारी मिली है। इसका दायरा प्रबंधन ने तय किया है। खास बात यह है कि प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर ही विद्यार्थियों को सालाना परीक्षा में नंबर भी मिलेंगे। इतना ही नहीं अच्छे प्रोजेक्ट को जनसमुदाय तक पहुंचाने के लिये पेटेंट भी कराया जाएगा।
संस्थान ने पहली बार समाज के लिए उपयोगी प्रोजेक्ट बनाने का जिम्मा विद्यार्थियों को दिया है। हर प्रोजेक्ट की निगरानी प्राध्यापकों को करनी होगी। विद्यार्थियों के समूह को प्राध्यापक जरूरी जानकारी और सुविधा उपलब्ध कराएंगे। संस्थान के निदेशक डॉ.संजीव जैन ने बताया कि यह नया प्रयोग किया जा रहा है। स्वायत्ता की वजह से संस्थान अपने हिसाब से सिलेबस डिजाइन करने के लिये स्वत्रंत है। इसमें अलग-अलग ब्रांच के विद्यार्थी शामिल होंगे।
भावी इंजीनियर पेड़ की पत्तियों से बनी प्लेट बनाने पर काम कर रहे हैं जो उपयोग के बाद स्वतः नष्ट हो जाएंगी। पौधों में लगने वाली बीमारी का पूर्व आकलन करने के उपकरण, स्वचलित सिंचाई औरऐसा रोबोट जो मानव संवेदनाओं को समझ सके पर प्रोजेक्ट के तहत काम कराया जा रहा है। इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र से जुड़े कार्य भी विद्यार्थी कर रहे हैं। बायोडिवाइस में ब्रेन स्ट्रोक अलर्ट, कम कीमत के वेंटीलेटर आदि उपकरण बनाने की तैयारी भी की जा रही है। प्रोजेक्ट पर आने वाला पूरा संस्थान वहन करेगा।