ग़ज़ल: लौट आऊंगा तेरी फिजा में, अगर तू मुझमें घुलने का वादा कर!
rishi pandit
November 25, 2020
अध्यात्म
लौट आऊंगा…….
लौट आऊंगा तेरी फिजा में, अगर तू मुझमें घुलने का वादा कर!
रूह मेरी दुआ देगी कब्र से, अगर तू मस्कराने का वादा कर !!
संवर जाता हूं तेरे आने से, एक बार तू आने का वादा तो कर!
खिल उठेगा हर रोम गीत से, एक बार तू महकने का वादा तो कर !!
लौट आऊंगा तेरी फिज़ा में,……..
.मुद्दतो की ख्वाईश दिन है दिल मे, एक बार उकसाने का वादा तो कर !
हर उत्तर मिलेगा दर्द ए जिगर से, एक बार मुझे पढ़ने का वादा तो कर !!
शाम होगी है तेरे जुल्फों के साये में, एक बार लहराने का वादा तो कर !
मिटा दूंगा वजूद अपना दुनिआ से, एक बार साथ चलने का वादा तो कर!!
लौट आऊंगा तेरी फिजा में……
जनता हूूँ तू मिली है मुझको किस्मत से, एक बार रीझने का बहाना तो कर !
मेरी इश्क ऐ झोली भर जाएगी खुशियों से, एक बार इतराने का वादा तो कर!!
झूम उठता है ये दर्पण भी तेरे सामने आने से, एक बार ठहरने का वादा तो कर!
निःशेष महसूस होता है तेरे एक अहसास से, सात जन्मों के साथ का वादा तो कर!!
लौट आऊूँगा तेरी फिजा में…….
पंडित योगेश गौतम