MP, jabalpur order given to resolve twenty year old dispute in 45 days: digi desk/BHN/जबलपुर/ मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने 20 वर्ष पुराने विवाद का 45 दिन में निराकरण करने का महत्वपूर्ण आदेश सुनाया। बैंक आफ इंडिया के जनरल मैनेजर, मुंबई को 45 दिन के भीतर शिकायत दूर करने के निर्देश दिए गए हैं। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट की नजीरों की रोशनी में पारित किया गया। इसी के साथ बैंक आफ इंडिया के उज्जैन में वरिष्ठ शाखा प्रबंधक रह चुके 79 वर्षीय बीआर जैन ने राहत की सांस ली। न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
इस दौरान याचिकाकर्ता उज्जैन निवासी बीआर जैन का पक्ष अधिवक्ता नर्मदा प्रसाद चौधरी व अमित चौधरी ने रखा। उन्होंने दलील दी कि बैंक आफ इंडिया, जोनल आफिस, उज्जैन द्वारा याचिकाकर्ता को 29 अगस्त, 2002 को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। जिसकी अपील भी अपीलेट अधिकारी द्वारा निरस्त कर दी गयी थी। बावजूद इसके कि याचिकाकर्ता के ऊपर गबन, धोखाधड़ी या रिश्वत का आरोप नहीं था।
याचिकाकर्ता ने बैंक के आला अधिकारियों को कई आवेदन प्रस्तुत किए। जिनमें कहा गया कि बैंक आफ इंडिया, कर्मचारी पेंशन रेगुलेशन 1995 के नियम-31 द्वारा अनुकम्पा भत्ता के अलावा बैंक द्वारा सेवा से बर्खास्त किये जाने की तिथि से पेंशन का भुगतान करें। साथ ही रेगुलेशन के नियम-31 के अंतर्गत अनुकम्पा भत्ता दिए जाने की भी पात्रता पर गंभीरता से विचार करें। हर माह पेंशन प्राप्त करने के लिए अंतिम आवेदन 20 जनवरी, 2022 को दिया गया। याचिकाकर्ता 79 वर्ष का है और अनेक बिमारियों से पीड़ित है, वह चल-फिर भी नहीं सकता। इसके बावजूद परेशान किया जा रहा है।