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PM Nepal Visit: भारत-नेपाल संबंधों में सुधार की ठोस पहल, कई क्षेत्रों में सहयोग पर  सहमति

PM Modi Nepal Visit: digi desk/BHN/ नई दिल्ली/ बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर पीएम मोदी का नेपाल दौरा दोनों देशों के संबंधों को नए आयाम देनेवाला साबित हुआ। चीन के बढ़ते प्रभाव और सीमा विवाद में नेपाल से तनाव के बीच पीएम मोदी के दौरे ने आपसी रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में ठोस पहल की। आपको बता दें कि यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली लुंबिनी यात्रा थी। वैसे महज़ डेढ़ महीने के भीतर दोनों प्रधानमंत्रियों की दूसरी मुलाक़ात थी, जिसने आपसी विश्वास और सहयोग के माहौल को बढ़ाने का काम किया। पीएम मोदी ने दौरे के बाद कहा कि भारत और नेपाल के रिश्तों के बारे में विस्तार से चर्चा हुई। पीएम मोदी के छह घंटे से कम के दौरे में जहां दोनों देशों के बीच आधा दर्जन से अधिक समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।

कई क्षेत्रों में सहयोग पर बनी सहमति

सोमवार की सुबह प्रधानमंत्री मोदी की अगवानी के लिए नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा अपनी पत्नी आरज़ू देउबा और कैबिनेट के सात मंत्रियों के साथ मौजूद थे। पीएम मोदी ने जहां भगवान बुद्ध के जन्मस्थान लुंबिनी में माया देवी मंदिर में दर्शन किए, वहीं भारत की तरफ़ से बनाए जाने वाले बौद्ध सांस्कृतिक और संपदा केंद्र का भी शिलान्यास किया। भारत स्थित अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ की मदद से नेपाल में बनाया जाने वाले इस केंद्र में विश्वस्तरीय सुविधाओं वाला प्रार्थना हॉल, लाइब्रेरी आदि बनाए जाएँगे।

भारत और नेपाल के प्रधानमंत्रियों के बीच हुई बातचीत में ऊर्जा का मुद्दा सबसे अहम था। नेपाल ने भारत को बरसों से अधूरी पड़ी पश्चिमी सेती परियोजना को विकसित करने का भी न्यौता दिया। नेपाल सरकार ने अरुण नदी पर बन रही पनबिजली परियोजना के चौथे चरण के विकास का काम भी भारत को सौंपने का फ़ैसला किया है। भारत में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी SJVN और नेपाल इलैक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के बीच 490 मेगावाट की परियोजना को लेकर सोमवार को समझौता पत्र पर दस्तख़त किए गए। बता दें कि सतलुज जल विकास निगम लिमिटेड (SJVN) नेपाल में 2000 मेगावाट से अधिक की बिजली परियोजनाओं को विकसित कर रही है। हालांकि नेपाल के साथ बिजली के कारोबार में भारत ने एक छोटी सी शर्त भी रखी है। शर्त यह है कि चीन के पैसे और चीनी कंपनियों की मदद से बनाए गई पन-बिजली परियोजनाओं की बिजली भारत नहीं ख़रीदेगा।

इन सहमति पत्र (MOUs) पर हुए हस्ताक्षर

  • बौद्ध अध्ययन के लिए डॉ अम्बेडकर पीठ की स्थापना को लेकर भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) और लुंबिनी बौद्ध विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन
  • भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) और CNAS त्रिभुवन विश्वविद्यालय के बीच भारतीय अध्ययन पर आईसीसीआर पीठ की स्थापना के लिये सहमति पत्र
  • भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) और काठमांडू विश्वविद्यालय के बीच भी भारतीय अध्ययन पर आईसीसीआर पीठ की स्थापना के लिये सहमति पत्र
  • नेपाल के काठमांडू विश्वविद्यालय और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास के बीच स्नातकोत्तर स्तर पर कार्यक्रम के लिये संयुक्त डिग्री के लिये समझौता पत्र (एलओए)
  • एसजेएनवी लिमिटेड और नेपाल विद्युत प्राधिकार के बीच अरूण4 परियोजना के विकास एवं उसे लागू करने के लिए समझौता

 

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