सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा है कि डेंगू की रोक थाम के लिए जन-जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने यह बात डेंगू दिवस के अवसर पर कही। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि प्रति वर्ष 16 मई को डेंगू दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि डेंगू एक प्रकार का डेन वायरस से होने वाली बुखार बीमारी है। इस पर नियंत्रण रखने के लिए तुरंत जाँच आवश्यक है। डेंगू की जाँच की सुविधा प्रदेश के सभी जिलों में निःशुल्क उपलब्ध है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि डेंगू से बचाव बहुत जरूरी है। इसके लिए घर-घर संदेश देना होगा कि साफ पानी को ज्यादा समय जमा नहीं रखें। घर में रखे गमले, कूलर पुराने टायर आदि में पानी जमा नहीं होने दें। डेंगू का मच्छर साफ पानी में पैदा होता है और दिन में काटता है। उन्होंने कहा कि हमें लोगों को जागरूक करना होगा।
कई उद्देश्यों की पूर्ति करेंगे अमृत सरोवर
जैसा कि नाम से ही स्वयमेव अर्थ निकल रहा है अमृत सरोवर यानि अमृत का कुंड या सरोवर इसी तरह के उद्देश्यों की पूर्ति करेगा। आज़ादी के अमृत महोत्सव पर जल संग्रहण संरचनाओं अर्थात अमृत सरोवरों का निर्माण अभियान के तौर पर किया जा रहा है। मनरेगा और अन्य शासकीय योजनाओं के अभिसरण तथा जन सहभागिता से युद्ध स्तर पर जल संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है।
अमृत सरोवर कई उद्देश्यों को पूरा करेंगे, अमृत सरोवरों से जल संकट दूर होगा। भूमिगत जल स्तर बढ़ेगा साथ ही आसपास वृक्षारोपण से पर्यावरण संरक्षण भी होगा। आज़ादी के अमृत महोत्सव स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले शहीदों और नायकों का स्मरणोत्सव भी है। अतः प्रत्येक जिले में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, शहीदों के गांवों प्राथमिकता पर अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं। अमृत सरोवर के पास स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के संपूर्ण विवरण और योगदान की जानकारी संबंधित पट्टिका या बोर्ड लगाया जाएगा। अमृत सरोवरों को आकर्षक एवं हर तरीके से उपयोगी बनाने के लिये सरोवर के उपयुक्त स्थान पर घाट का निर्माण किया जाएगा।
अमृत सरोवर के किनारों पर तीन स्तर में वृक्षारोपण किया जाएगा जिसमें प्रथम स्तर पर शोभादार वृक्ष, द्वितीय स्तर पर उद्यानिकी प्रजाति के वृक्ष जैसे आम, जामुन एवं तीसरे स्तर पर छायादार घने वृक्ष जैसे बरगद, पीपल, नीम आदि का पौधरोपण किया जाएगा, ताकि अमृत सरोवर मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण में सहायक हो सकें।
’जनसहभगिता भी हो अहम’
अमृत सरोवर से स्थानीय नागरिकों का जुड़ाव बढ़ाने और भविष्य में भी अपनेपन की भावना से अमृत सरोवर की देखभाल/संरक्षण के लिये अमृत सरोवर के निर्माण में जनसहभागिता ली जाएगी। अमृत सरोवर के निर्माण में ग्रामीण सामग्री, श्रम अथवा मशीनों के रूप में अपनी सहभागिता कर सकेंगे। योगदान देने वाले ग्रामीणों के नाम सूचनाफलक पर पदर्शित किये जाएंगे। वर्ष में एक बार अमृत सरोवर की संरचना का रख-रखाव ग्रामीणों के सहयोग से किया जाएगा।