Retail inflation rate: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ देश में महंगाई अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है। एक तरफ पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आग लगी है, तो दूसरी तरफ खाद्य पदार्थों के कीमतें भी तेजी से बढ़ रही हैं। गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित रिटेल महंगाई दर अप्रैल में बढ़कर 7.79% हो गई। यह पिछले 8 सालों में सबसे ज्यादा है। जानकारों के मुताबिक फ्यूल की कीमतों में बढ़ोतरी और खाने-पीने के सामान महंगे होने से महंगाई दर में ये जबरदस्त वृद्धि हुई है। अप्रैल में फूड इन्फ्लेशन बढ़कर 8.38 प्रतिशत हो गई, जो इससे पिछले महीने में 7.68 प्रतिशत और एक साल पहले इसी महीने में 1.96 प्रतिशत थी।
आपको बता दें कि सरकार ने RBI को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत के स्तर पर रहे, जिसमें ऊपर-नीचे दो प्रतिशत तक घट-बढ़ हो सकती है। यानी खुदरा मुद्रास्फीति दर को 2 से 6 प्रतिशत के बीच रहना चाहिए। लेकिन जनवरी 2022 से ही खुदरा मुद्रास्फीति 6% से ऊपर बनी हुई है। CPI आधारित महंगाई इस साल मार्च में 6.95 फीसदी और अप्रैल, 2021 में 4.23 प्रतिशत थी। इस तरह ये लगातार चौथे महीना है, जब महंगाई काबू से बाहर दिख रही है।
क्या है इसकी वजह
लगातार बढ़ती महंगाई के बीच पिछले सप्ताह आरबीआई ने चार साल में पहली बार अपनी रेपो दर में बढ़ोतरी करने का ऐलान किया और इसे 40 आधार अंक बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया। इससे मार्केट में कैश फ्लो कम हो गया है। वहीं ग्लोबल स्तर पर भी महंगाई रेट में इजाफा हुआ है। वैश्विक मोर्चे पर, US फेडरल रिजर्व ने भी अपनी ब्याज दर में 50 बीपीएस की वृद्धि की, जो कि 22 सालों में सबसे अधिक है। इसके अलावा, दुनियाभर के शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट देखी जा रही है। भारतीय शेयर बाजार के अलावा एशिया के अन्य बाजारों जापान का निक्की, हांगकांग का हैंगसेंग, चीन का शंघाई कंपोजिट और दक्षिण कोरियो के कॉस्पी में काफी गिरावट रही है।