Covid Deaths in India: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दुनिया भर से कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों का विश्लेषण कर ये अनुमान जताया है कि पिछले दो वर्षों में यानी साल 2020 और 2021 में लगभग 1.5 करोड़ लोगों कोरोना वायरस या स्वास्थ्य प्रणालियों पर पड़े इसके प्रभाव के कारण जान गंवाई। ये आंकड़े विभिन्न देशों द्वारा आधिकारिक रुप से मुहैया कराए गए आंकड़ों (60 लाख) से दोगुने से भी अधिक हैं। WHO के मुताबिक ज्यादातर मौतें दक्षिण पूर्व एशिया, यूरोप और अमेरिका में हुईं। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत में भी कोरोना से 47 लाख मौतें हुई हैं, जबकि भारत सरकार के 3 मई को जारी आंकड़ों के मुताबिक ये करीब 5 लाख 22 हजार हैं। भारत ने WHO के इन आंकड़ों पर कड़ी आपत्ति जताई है।
भारत की आपत्तियां
विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों को लेकर भारत सरकार ने कई सवाल उठाये हैं। सरकार के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत की चिंताओं को पर्याप्त रूप से संबोधित किए बिना ही अतिरिक्त मृत्यु दर अनुमान जारी किया है। भारत ने इन आंकड़ों की गणना के लिए मॉडलों की वैधता और डेटा कार्यप्रणाली को भी संदिग्ध बताया। सरकार के मुताबिक जब कोरोना का दौर था तो उस वक्त इससे होनेवाली मौतों की गणना को लेकर खुद WHO के पास कोई तय परिभाषा नहीं थी। जैसे किसी कोरोना मरीज के बीमारी के कितने दिनों बाद तक हुई मौत को इसमें रखा जाए?
आंकड़ों पर स्रोत पर भी उठे सवाल
भारत सरकार ने मुताबिक WHO ने 17 राज्यों के आधार पर डेटा जारी किया गया। लेकिन इन 17 राज्यों को किस आधार पर चुना गया, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। इन राज्यों के नाम तक लगातार पूछने पर 4 महीने बाद बताए गए। इसके अलावा किस वक्त से किस वक्त तक का डेटा WHO ने लिया, इसकी भी जानकारी नहीं दी। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक WHO ने मौत के ये आंकड़े राज्यों के वेबसाइट, अखबारों में RTI के हवाले से छपी खबरों और टेलीफोनिक सर्वे के जरिए जुटाए, जिसे सही नहीं कहा जा सकता। नवंबर से केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने WHO को इस संबंध में 10 चिट्ठियां लिखीं, पर जवाब नहीं दिया गया। भारत सरकार अब अपनी आपत्तियां WHO की एक्जीक्यूटिव बोर्ड के समक्ष रखेगी।